मानहानि कानून को अपराधमुक्त करने का समय आ गया है: न्यायालय

मानहानि कानून को अपराधमुक्त करने का समय आ गया है: न्यायालय

मानहानि कानून को अपराधमुक्त करने का समय आ गया है: न्यायालय
Modified Date: September 23, 2025 / 01:12 pm IST
Published Date: September 23, 2025 1:12 pm IST

नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ‘फाउंडेशन फॉर इंडिपेंडेंट जर्नलिज्म’ द्वारा एक आपराधिक मानहानि मामले में उसे जारी किए गए समन को रद्द करने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई को लेकर सहमति जताते हुए कहा कि मानहानि कानून को अपराधमुक्त करने का समय आ गया है।

न्यायमूर्ति एम. एम. सुंदरेश और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह को नोटिस जारी किया।

शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी समाचार पोर्टल ‘द वायर’ चलाने वाले संगठन और उसके राजनीतिक मामलों के संपादक अजय आशीर्वाद महाप्रशास्त की याचिका पर सुनवाई करते हुए की।

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न्यायमूर्ति सुंदरेश ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि इस सब को अपराधमुक्त किया जाए…।’’

शीर्ष अदालत डोजियर के प्रकाशन को लेकर जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर द्वारा दायर मानहानि के एक मामले में अधीनस्थ अदालत की ओर से उन्हें समन जारी करने के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

शिकायतकर्ता ने अधीनस्थ अदालत में दलील दी थी कि आरोपियों ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ घृणा अभियान चलाया था।

पोर्टल द्वारा प्रकाशित कथित मानहानिकारक रिपोर्ट पर मुकदमे का यह दूसरा दौर है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2023 में उन्हें जारी समन रद्द कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने आदेश को पलट दिया और मामले को नए सिरे से विचार के लिए निचली अदालत के समक्ष भेज दिया।

अधीनस्थ अदालत ने फिर से समन जारी किया और उच्च न्यायालय ने भी उसे बरकरार रखा।

भाषा सुरभि रंजन

रंजन


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