नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एकजुट विपक्ष का नेतृत्व करने के लिए न तो तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और न ही कांग्रेस के प्रयास सफल होंगे।
पार्टी ने अपने मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में कहा कि किसान संघर्ष की सफलता बताती है कि एकता और सतत संघर्ष से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है।
पार्टी ने 12 सांसदों के निलंबन के मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि पिछले सत्र के दौरान उनके दुर्व्यवहार पर उन्हें निलंबित करने के प्रस्ताव को इसलिये पारित किया गया ताकि विपक्ष को इसमें उलझाकर सरकार अपने सभी विधेयक बिना विरोध के पारित करा सके।
वाम दल ने कहा कि सांसदों और विपक्ष के अधिकारों पर इस हमले का विपक्षी दल एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं। संसद के भीतर मुद्दों पर एकजुटता दर्शाती है कि किस तरह संयुक्त प्रतिरोध का निर्माण किया जा सकता है।
पार्टी ने कहा, ”लेकिन संसद के बाहर, ममता बनर्जी और टीएमसी के एकजुट विपक्ष का नेतृत्व करने के प्रयास फलीभूत नहीं होने वाले जबकि कांग्रेस की अग्रणी भूमिका निभाने की इच्छा शून्य हो गई है। किसानों के संघर्ष ने दिखाया है कि एक निरंतर एकजुट संघर्ष से क्या कुछ हासिल किया जा सकता है। विपक्षी दलों को इससे उचित सबक लेना चाहिए।”
भाषा जोहेब नरेश
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