कश्मीर में बर्फबारी नहीं होने से पर्यटक मायूस

कश्मीर में बर्फबारी नहीं होने से पर्यटक मायूस

कश्मीर में बर्फबारी नहीं होने से पर्यटक मायूस
Modified Date: January 10, 2024 / 04:42 pm IST
Published Date: January 10, 2024 4:42 pm IST

श्रीनगर, 10 जनवरी (भाषा) बड़ी संख्या में पर्यटक इस बार बर्फबारी का आनंद लिये बिना ही कश्मीर से अपने घर लौट गये। इस बार सर्दी में कश्मीर घाटी में हिमपात नहीं होने से न केवल पर्यटन एवं उससे जुड़ी गतिविधियां प्रभावित होंगी, बल्कि कृषि एवं संबंधित क्रियाकलापों पर भी असर पड़ेगा।

गुलमर्ग में स्कीइंग और बर्फ से संबंधित अन्य गतिविधियों का मजा लेने की उम्मीद से नये साल के मौके पर बड़ी संख्या में पहुंचे पर्यटकों को हिमपात के अभाव में निराश लौटना पड़ा।

दिल्ली के निवासी पंकज सिंह ने यहां ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘ हमने गुलमर्ग में बर्फबारी का मजा लेने के लिए तीन से नौ जनवरी तक सात दिनों का पैकेज बुक कराया था। लेकिन यहां बर्फबारी हुई ही नहीं। हमने चहुंओर बर्फ की चादर का नजारा देखने की आस लगा रखी थी लेकिन उत्तर भारत के किसी भी अन्य क्षेत्र की भांति यहां का नजारा है।’’

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सिंह अपनी पत्नी और तीन बच्चों को लेकर घाटी आये थे और उनकी अपने बच्चों को ‘स्कीइंग’ एवं ‘जेट स्की राइड्स’ से परिचित कराने की योजना थी, लेकिन उनकी योजना धरी की धरी रह गयी।

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं 2005 से कश्मीर आता रहा हूं और इस साल मैं इस उम्मीद से अपने परिवार को साथ लेकर आया था कि अपने बच्चो को स्कीइंग सिखा सकूं। बर्फ नहीं होने के कारण हमें कभी और कोशिश करनी होगी।’’

पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग इस बात से चिंतिंत हैं कि कश्मीर में सर्दी में बर्फबारी नहीं होने से घाटी में हजारों लोगों की आजीविका पर गंभीर असर पड़ेगा। शहर के टूर ऑपरेटर मुजफ्फर अहमद ने कहा, ‘‘यह सर्दी हमारे उद्योग के लिए बहुत बुरा इश्तहार रही। वैसे तो कश्मीर एकमात्र ऐसी जगह नहीं है जहां बर्फबारी नहीं हुई है लेकिन हमारा शीतकालीन पर्यटन काफी हद तक हिमपात पर निर्भर है।अल्लाह हमपर रहम करे।’’

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेशनल काफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ मैंने गुलमर्ग में इतनी शुष्क सर्दी कभी नहीं देखी है। …यदि शीघ्र ही बर्फबारी नहीं हुई तो गर्मी का सीजन पीड़ाजनक होने जा रहा है।..’’

स्थानीय किसानों के मुताबिक इस सर्दी में कश्मीर के ऊंचाई वाले स्थानों पर कम बर्फबारी होने के कारण घाटी में कृषि उपज पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है तथा लोगों के लिए भी समस्याएं खड़ी हो जाएंगी क्योंकि उन्हें पर्याप्त पेयजल नहीं मिलेगा।

भाषा राजकुमार पवनेश

पवनेश


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