हिमालय क्षेत्र में सड़कों को चौड़ा करने के लिए पेड़ न काटे जाएं : रंजीत रंजन
हिमालय क्षेत्र में सड़कों को चौड़ा करने के लिए पेड़ न काटे जाएं : रंजीत रंजन
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) गंगोत्री क्षेत्र में छह हजार पेड़ों को काटने की अनुमति दिए जाने का मुद्दा उठाते हुए सोमवार को राज्यसभा में कांग्रेस सदस्य रंजीत रंजन ने दावा किया कि एक ओर ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ लगाने के लिए कहा जाता है वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं।
शून्यकाल में यह मुद्दा उठाते हुए रंजन ने कहा कि गंगोत्री को लेकर इसी सदन में कभी आश्वासन दिया गया था कि देवदार के वृक्षों को नहीं काटा जाएगा।
उन्होंने कहा ‘‘लेकिन खबरें हैं कि पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी की दृष्टि से संवेदनशील भगीरथी के गंगोत्री क्षेत्र से छह हजार पेड़ों को काटने की अनुमति दी गई। यहां के लोग पेड़ों को बचाने के लिए उन पर रक्षा सूत्र बांध रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह वही क्षेत्र है जहां अगस्त में धराली में भीषण बाढ़ आई थी।
उत्तराखंड में पिंडर नदी के किनारे बसे कस्बे थराली में अगस्त में भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ ने घरों, वाहनों और सड़कों को अपनी चपेट में ले लिया, कई लोगों की जान चली गई, कई लापता हो गए और और निजी व सार्वजनिक संपत्ति को भारी नुकसान पहुँचा था।
रंजन ने कहा कि एक ओर आप ‘‘एक पेड़ मां के नाम’’ लगाने के लिए कहते हैं वहीं दूसरी ओर विकास के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं। यह कैसा विकास है।
उन्होंने कहा ‘‘उच्च हिमालय में अगर ‘चार धाम ऑल वेदर रोड’ के नाम पर सड़क चौड़ी की जाएगी तो समस्या आएगी ही। हिमालय में चौड़ीकरण लगातार असफल हो रहा है।’’
रंजन ने कहा देवदार संस्कृत का शब्द है जिसका मतलब है ‘‘देव वृक्ष’’ और वहां इनसे ही पवित्र वातावरण बनता है। उन्होंने कहा ‘‘पिछले साल से परियोजना पर काम हो रहा है और आश्वासन दिए जाने के बावजूद पेड़ काटने की अनुमति दे दी गई।’’
उन्होंने इस मंजूरी को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की।
भाषा
मनीषा अविनाश
अविनाश

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