बेरहामपुर, 24 नवंबर (भाषा) ओडिशा के गंजाम जिले में बुधवार को वन (संरक्षण) कानून, 1980 में संशोधन के केंद्र सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ विभिन्न आदिवासी संगठनों ने प्रदर्शन किया।
प्रदर्शनकारियों ने प्रस्तावित संशोधन को यह कहते हुए वापस लेने की मांग की है कि इससे जंगल नष्ट होगा और यह वन संसाधनों पर आदिवासी लोगों के अधिकारों को छीन लेगा।
पर्यावरण मंत्रालय ने अक्टूबर में वन भूमि पर सीमाई बुनियादी ढांचे के विकास के लिए पूर्व सरकारी अनुमोदन की जरूरत को खत्म करने के लिए वन (संरक्षण) कानून, 1980 (एफसीए) में संशोधन का प्रस्ताव दिया था।
तीर और धनुष समेत अन्य पारंपरिक हथियारों के साथ ढोल बजाते हुए आदिवासियों ने दक्षिणी रेंज के राजस्व मंडल आयोग (आरडीसी) कार्यालय पहुंचने से पहले बेरहामपुर का चक्कर लगाया।
एक आदिवासी संगठन ‘आदिवासी भारत महासभा’ के टूना मलिक ने कहा, ‘‘ प्रस्तावित संशोधन से वन क्षेत्रों में रहनेवाले आदिवासी लोगों के वन संसाधनों पर अधिकार को सुनिश्चित करनेवाला वन अधिकार कानून (एफआरए) कमजोर हो जाएगा। ये समुदाय अपनी विभिन्न जरूरतों को पूरा करने के लिए इस संसाधन पर निर्भर हैं।’’
भाषा स्नेहा पवनेश
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