गायक जुबिन गर्ग को तेरहवीं के अनुष्ठान पर श्रद्धांजलि दी गई

गायक जुबिन गर्ग को तेरहवीं के अनुष्ठान पर श्रद्धांजलि दी गई

गायक जुबिन गर्ग को तेरहवीं के अनुष्ठान पर श्रद्धांजलि दी गई
Modified Date: October 1, 2025 / 10:27 pm IST
Published Date: October 1, 2025 10:27 pm IST

गुवाहाटी, एक अक्टूबर (भाषा) असम के प्रसिद्ध गायक जुबिन गर्ग को बुधवार को उनके पैतृक स्थान जोरहाट में वैदिक और वैष्णव परंपराओं के अनुसार तेरहवीं अनुष्ठान के दौरान सभी वर्गों के लोगों ने श्रद्धांजलि दी।

अनुष्ठान जोरहाट स्पोर्ट्स स्टेडियम में सर्वधर्म प्रार्थना सभा के साथ शुरू हुआ, जिसके बाद गायक को श्रद्धांजलि दी गई।

जुबिन की तस्वीर, उनकी अस्थियों वाला कलश और पार्थिव शरीर को सिंगापुर से गुवाहाटी लाने के लिए इस्तेमाल किया गया ताबूत रखा गया, जिसपर लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

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गायक की पत्नी गरिमा सैकिया गर्ग, परिवार के सदस्य, रिश्तेदार और करीबी दोस्त हाथ जोड़कर लोगों की संवेदना स्वीकार करते देखे गए।

गरिमा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जुबिन ने अपने बचपन का ज्यादातर समय जोरहाट में बिताया था और अपने संगीत करियर की शुरुआत भी यहीं से की थी। उन्होंने कहा कि लेकिन उन्हें इस बात का दुख है कि जुबिन का अंतिम संस्कार यहां नहीं हो सका, क्योंकि उनके पिता की तबियत ठीक नहीं थी और वह जिले में नहीं आ सके।

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, परिवार चाहता था कि जुबिन का स्मारक गुवाहाटी के निकट हो, जहां अब हम रहते हैं। हालांकि, हमें लोगों के आशीर्वाद, प्यार और निरंतर सहयोग की आवश्यकता है ताकि मैं उनके अधूरे कार्यों को आगे बढ़ा सकूं और उनकी विरासत को जीवित रख सकूं।’’

इस मौके पर केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार, असम प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गौरव गोगोई, भाजपा सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, राज्य के कई मंत्री और विधायक मौजूद थे।

गरिमा अपने परिवार के अन्य सदस्यों और रिश्तेदारों के साथ मंगलवार रात गुवाहाटी से जोरहाट पहुंचीं।

राज्य सरकार द्वारा जोरहाट जिला खेल स्टेडियम में 13वें दिन के अनुष्ठान का आयोजन किया गया।

जुबिन ने अपना बचपन और युवावस्था का ज्यादातर समय जोरहाट में बिताया था और जिले के लोग चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार वहीं किया जाए, लेकिन परिवार ने निर्णय लिया था कि उनका अंतिम संस्कार गुवाहाटी या उसके आसपास कहीं किया जाना चाहिए।

बाद में परिवार ने राज्य सरकार को बताया था कि वे जोरहाट में तेरहवीं का अनुष्ठान करेंगे।

भाषा

देवेंद्र जोहेब

जोहेब


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