असम में पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं के लिए बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा

असम में पहली बार मतदान करने जा रहे युवाओं के लिए बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा

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  • Publish Date - April 19, 2024 / 06:06 PM IST,
    Updated On - April 19, 2024 / 06:06 PM IST

(त्रिदीप लहकार)

गुवाहाटी/जोरहाट, 19 अप्रैल (भाषा) असम में पहली बार मतदान करने जा रहे मतदाता इस बार महंगाई, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), बुनियादी ढांचे के विकास और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) सहित कई राष्ट्रीय और प्रादेशिक मुद्दों को ध्यान में रखकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल करने का मन बना रहे हैं।

इन युवाओं ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत करते हुए स्थानीय कॉलेज और विश्वविद्यालय के मामलों से लेकर व्यापक राष्ट्रीय चिंताओं तक कई मुद्दों को उठाया और उम्मीदवारों के घोषणापत्र के आधार पर वोट देने का अपना इरादा भी जाहिर किया।

जगन्नाथ बरूआ कॉलेज छात्र संघ के महासचिव अरुणव दत्ता ने कहा, ‘‘हमने देखा है कि सत्तारूढ़ दल विकास कार्य कर रहे हैं। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि विकास एक सतत प्रक्रिया है और इसे हमेशा जारी रहना चाहिए। मेरा मानना ​​है कि सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा विदेशियों की समस्या है।’’

उन्होंने कहा कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 का मुद्दा भी बहुत महत्वपूर्ण है और पहली बार के मतदाता इस कानून के ‘असर’ से अवगत हैं।

दत्ता ने कहा, ‘‘बेरोजगारी का मुद्दा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दवाओं सहित विभिन्न आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि भी समाज को प्रभावित कर रही है। एक छात्र के रूप में, हम वोट देने से पहले इन मुद्दों पर विचार करेंगे।’’

असम के देवी चरण बरुआ गर्ल्स कॉलेज की बार्बी गोगोई ने बेरोजगारी की वर्तमान उच्च दर को अपने लिए सबसे बड़ा मुद्दा माना।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम नौकरी के लिए आवेदन करते हैं, तो हम देखते हैं कि लाखों बेरोजगार युवा कतार में खड़े हैं। हमें और अधिक नौकरियों की जरूरत है। हम देखेंगे कि उम्मीदवार रोजगार के अवसरों को कितना महत्व दे रहे हैं – यह हमारा मुख्य जोर होगा।’’

बार्बी गोगोई का कहना है कि बेरोजगारी एक पुरानी समस्या है और यह अभी भी जारी है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बिंदु पर मतदान करेंगे। आजकल महंगाई बहुत बढ़ गई है, इसलिए नौकरी जरूरी है। हम अच्छी नौकरी पाने के लिए पढ़ाई कर रहे हैं।’’

पहली बार मतदान करने जा रहे जेबी विश्वविद्यालय के छात्र तन्मय भारद्वाज का कहना है कि वह सड़क निर्माण, स्टेडियम विकास, जीडीपी वृद्धि और मानव संसाधन सूचकांक में सुधार का आकलन करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों का घोषणापत्र देखना और अगले पांच वर्षों के लिए पार्टी के वादों के बारे में जानना भी महत्वपूर्ण है। फिर हम उसके अनुसार निर्णय लेंगे। हम केवल पार्टी के नाम पर वोट नहीं देंगे।’’

भाषा हक मनीषा

मनीषा