उत्तराखंड एंजेल चकमा हत्याकांड : जांच के लिए एसआईटी गठित, नस्लीय दुर्व्यवहार का कोई सबूत नहीं
उत्तराखंड एंजेल चकमा हत्याकांड : जांच के लिए एसआईटी गठित, नस्लीय दुर्व्यवहार का कोई सबूत नहीं
देहरादून, 30 दिसंबर (भाषा) उत्तराखंड में त्रिपुरा के छात्र एंजेल चकमा हत्याकांड में चौतरफा दबाव के बीच देहरादून की पुलिस ने मंगलवार को मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर दिया और साथ ही कहा कि मामले की अब तक की जांच में नस्लीय दुर्व्यवहार का कोई सबूत नहीं मिला है।
देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि पुलिस हत्याकांड में शामिल फरार मुख्य आरोपी नेपाल के यज्ञराज अवस्थी को पकड़ने के बहुत करीब पहुंच चुकी है और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने अवस्थी पर घोषित 25 हजार रुपये के इनाम को भी बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि नौ दिसंबर को हुई इस घटना के संबंध में पुलिस ने सभी सीसीटीवी फुटेज एकत्रित कर लिए हैं और पूरी वारदात भीड़भाड़ वाली जगह पर शाम सवा छह बजे के बाद 40-50 सेकेंड के भीतर हुई।
उन्होंने कहा, ”घटना के पीछे की पूरी सच्चाई एंजेल पर चाकू से वार करने वाले मुख्य आरोपी अवस्थी की गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगी।”
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा कि आरोपी और पीड़ित पक्ष एक दूसरे को नहीं जानते थे और पूरी घटना ‘इन द हीट ऑफ द मोमेंट’ में हुई।
यह पूछे जाने पर कि क्या वारदात में शामिल चाकू बरामद हो गया है, एसएसपी ने कहा कि अवस्थी ने पास में खड़ी अंडे की ठेली से उसका चाकू उठाकर एंजेल पर वार किया था।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जांच में सामने आया है कि आरोपियों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं था।
एसएसपी ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों पर प्रसारित खबरों में घटना को नस्लीय दुर्व्यवहार से जोड़े जाने को गलत बताते हुए कहा, ‘‘घटना वाले दिन (नौ दिसंबर 2025) से लेकर 26 दिसंबर (जब एंजेल की मृत्यु हुई) तक, पुलिस के साथ बातचीत में किसी ने भी नस्लीय दुर्व्यवहार या हिंसा की शिकायत नहीं की।’’
एसएसपी ने कहा कि इसके अलावा, इस मामले में दर्ज प्राथमिकी में भी नस्लीय दुर्व्यवहार का कोई आरोप नहीं है।
उन्होंने कहा कि तहरीर में पीड़ित पक्ष ने उनके खिलाफ जातिसूचक शब्द इस्तेमाल करने की बात कही थी लेकिन जांच में पता चला कि आरोपियों में शामिल दो व्यक्ति स्वयं अनुसूचित जनजाति के हैं।
पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच का कोई पहलू छूट न जाए, इसके लिए एक पुलिस क्षेत्राधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित कर दी गयी है। उन्होंने कहा कि अब तक की विवेचना एसआईटी को सौंप दी गयी है।
एसएसपी ने कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी ढंग से की जा रही है और कोई भी नया साक्ष्य मिलने पर उसे विधिवत दर्ज किया जाएगा।
देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में हुई इस घटना के बारे में विस्तार से बताते हुए पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच में सामने आए तथ्यों के अनुसार, नौ दिसंबर को आरोपियों में से एक मणिपुर निवासी सूरज ख्वास द्वारा अपने बेटे के जन्मदिन के उपलक्ष्य में पार्टी देने के लिए अपने पांच मित्रों को बुलाया गया था और उसी दौरान उनके बीच ‘दोस्ताना हंसी-मजाक’ हुआ।
एसएसपी ने कहा, ‘‘पीड़ित पक्ष को कुछ टिप्पणियां आपत्तिजनक लगीं, जिसके कारण विवाद उत्पन्न हुआ। इसके बाद हुए झगड़े में एंजेल चकमा और उसका छोटा भाई माइकल चकमा घायल हो गए। एंजेल ने अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया।’’
उन्होंने कहा कि झगड़े में एंजेल चकमा की रीढ़ की हड्डी और गर्दन में घातक चोटें आयी थीं।
उन्होंने बताया कि घटना में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस ने छह आरोपियों में से पांच को पकड़ लिया है जिनमें से दो नाबालिगों को न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है।
सिंह ने कहा कि फरार अवस्थी को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें प्रयास कर रही हैं और उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसएसपी ने कहा कि देहरादून में देश भर से छात्र पढ़ने आते हैं जिनमें से पूर्वोत्तर के भी करीब 2,000 से अधिक छात्र हैं। । सिंह ने कहा कि त्रिपुरा के ही करीब 250 छात्र यहां पढ़ाई कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सबकी सुरक्षा पुलिस की जिम्मेदारी है और इस तरह की वारदात करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
भाषा
दीप्ति
रवि कांत

Facebook



