उत्तराखंड सरकार एंजेल चकमा हत्याकांड के दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री
उत्तराखंड सरकार एंजेल चकमा हत्याकांड के दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री
अगरतला, 30 दिसंबर (भाषा) त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने मंगलवार को कहा कि उनके उत्तराखंड के समकक्ष पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उत्तरी राज्य की सरकार एंजेल चकमा की हत्या में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
पूर्वोत्तर राज्य के 24 वर्षीय छात्र चकमा पर नौ दिसंबर को छह लोगों ने हमला किया था, जिसमें वह जख्मी हो गए थे और 26 दिसंबर को इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
त्रिपुरा के दो मंत्रियों ने उनाकोटि जिले के मचमारा स्थित पीड़ित के घर का दौरा किया और उसके परिवार को 9.12 लाख रुपये के चेक सौंपे। यह आर्थिक सहायता उत्तराखंड और त्रिपुरा सरकारों की ओर से प्रदान की गई है।
साहा ने संवाददाताओं से कहा, ‘पैसा एंजेल चकमा का जीवन वापस नहीं लाएगा। हम एमबीए छात्र की हत्या की कड़ी निंदा करते हैं। मैंने कल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की थी, जिन्होंने मुझे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।’
उन्होंने कहा कि कुल छह आरोपियों में से पांच को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि छठे को गिरफ्तार करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चकमा छात्र संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उनसे मुलाकात कर इस घटना पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि उत्तराखंड सरकार हत्या के मामले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कदम उठाएगी।’
मंत्री टिंकू रॉय और संताना चकमा ने मृत छात्र के परिवार को दो चेक सौंपे। त्रिपुरा सरकार ने पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की, जबकि उत्तराखंड सरकार ने 4.12 लाख रुपये दिए हैं।
रॉय ने कहा, ‘हमारे मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के संपर्क में हैं। वह यह सुनिश्चित करेंगे कि हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।’
इस बीच, त्रिपुरा विधानसभा में विपक्ष के नेता जितेंद्र चौधरी ने देहरादून में एक होनहार आदिवासी छात्र की हत्या की निंदा की।
उन्होंने दावा किया, ‘पूर्वोत्तर के लोगों पर हमले का यह पहला मामला नहीं है। इस क्षेत्र के छात्रों के साथ नस्ली भेदभाव के उदाहरण मौजूद हैं। यह आरएसएस के हिंदू-हिंदी-हिंदुस्तान के एजेंडे का परिणाम है।’
भाषा
नोमान दिलीप
दिलीप

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