उत्तराखंड यूसीसी कुछ नहीं बल्कि बिना उचित सहमति के प्रायोगिक परियोजना शुरू करने जैसा है: कांग्रेस

उत्तराखंड यूसीसी कुछ नहीं बल्कि बिना उचित सहमति के प्रायोगिक परियोजना शुरू करने जैसा है: कांग्रेस

उत्तराखंड यूसीसी कुछ नहीं बल्कि बिना उचित सहमति के प्रायोगिक परियोजना शुरू करने जैसा है: कांग्रेस
Modified Date: January 26, 2025 / 09:12 pm IST
Published Date: January 26, 2025 9:12 pm IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) उत्तराखंड में सोमवार से लागू होने जा रहे समान नागरिक संहिता के बीच कांग्रेस ने रविवार को कहा कि यह बिना उचित आम सहमति के ‘‘एक प्रायोगिक परियोजना शुरू करने’’ जैसा है।

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा कि समान नागरिक संहिता राज्य केन्द्रित नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा, ‘‘ क्या समान नागरिक संहिता राज्य केन्द्रित हो सकती है? आप ‘समान’ नागरिक संहिता की बात करते हैं और फिर उसे राज्य केन्द्रित बना देते हैं।’’

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उत्तराखंड में सोमवार से समान नागरिक संहिता लागू होने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह और कुछ नहीं बल्कि लागू करने से पहले प्रायोगिक परियोजना प्रक्रिया को तेज करने का प्रयास है … क्योंकि आपके पास आम सहमति नहीं है। इसलिए आप इसे प्रायोगिक परियोजना की तरह शुरू कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि यूसीसी शब्द का अर्थ ही यह है कि इसे लागू करने में एकरूपता होनी चाहिए।

उन्होंने प्रश्न किया कि अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग यूसीसी कैसे हो सकती है।

दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सोमवार को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू कर दी जाएगी। इसके साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्र भारत में ऐसा कानून लागू करने वाला पहला राज्य बन जाएगा।

धामी ने एक बयान में कहा कि यूसीसी को लागू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, जिसमें अधिनियम के क्रियान्वयन के लिए नियमों को मंजूरी और अधिकारियों का प्रशिक्षण शामिल है।

उन्होंने कहा कि समान नागरिक संहिता समाज में एकरूपता लाएगी तथा सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और जिम्मेदारियां सुनिश्चित करेगी।

भाषा शोभना रंजन

रंजन


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