उपराष्ट्रपति नायडू ने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति नायडू ने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया

उपराष्ट्रपति नायडू ने विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया
Modified Date: November 29, 2022 / 08:23 pm IST
Published Date: September 4, 2021 5:28 pm IST

हैदराबाद, चार सितंबर (भाषा) उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कहा कि लोगों को धर्म, क्षेत्र, भाषा, जाति, वर्ण या रंग के आधार पर समाज को बांटने की कोशिश करने वाली विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ लड़ना चाहिए।

नायडू ने कहा कि देश की आजादी के 75वें वर्ष में हर भारतीय को देश के विविधतापूर्ण समाज में एकता तथा सौहार्द को मजबूती करने का संकल्प लेना चाहिए।

यहां श्री अरबिंदो के जीवन पर एक चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद श्री अरबिंदो इंटरनेशनल स्कूल के छात्रों और शिक्षकों को संबोधित कर रहे नायडू ने कहा कि भारत के भविष्य के लिए सभी विभाजनों को पाटना जरूरी है।

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एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार धर्म के सकारात्मक पहलुओं को रेखांकित करते हुए नायडू ने कहा कि अगर सभी लोग सच्ची भावना से धर्म का अनुसरण करें तो कोई धार्मिक संघर्ष नहीं होगा।

उप राष्ट्रपति ने एक छात्र के प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधारों की जरूरत है ताकि यह सही मायने में प्रतिनिधित्व वाला संगठन बने जहां देशों की आत्मा और हृदय एक साथ हों।

उन्होंने कहा, ‘‘अलग अलग पहचान हो सकती हैं लेकिन इनसे हमें बंटना नहीं चाहिए।’’

भारत की आध्यात्मिकता के लिए महर्षि अरबिंदो के विचारों को दोहराते हुए नायडू ने कहा कि देश की आध्यात्मिक विरासत के लिए पुनर्जागरण की जरूरत है।

उन्होंने युवा पीढ़ी में समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रति गौरव की भावना भरने के लिए भारत के परिप्रेक्ष्य में इतिहास पुन: लिखे जाने की जरूरत बताई।

भाषा वैभव उमा

उमा


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