भारत की एक्ट ईस्ट नीति, हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण स्तंभ है वियतनाम : बिरला

भारत की एक्ट ईस्ट नीति, हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण स्तंभ है वियतनाम : बिरला

  •  
  • Publish Date - April 20, 2022 / 08:03 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:52 PM IST

नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने वियतनाम को भारत की एक्ट ईस्ट नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ करार देते हुए कहा कि दोनों देश वैश्विक एवं क्षेत्रीय शांति के मुद्दों पर एक समान दृष्टिकोण साझा करते हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन और सतत विकास, स्वास्थ्य देखभाल और डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में अपने सहयोग को और बढ़ा सकते हैं।

लोकसभा सचिवालय के बयान के अनुसार, वियतनाम की अपनी यात्रा के दूसरे दिन, बिरला के नेतृत्व में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल (आईपीडी) ने वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु त्रोंग से मुलाकात की।

बातचीत के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ वियतनाम, भारत के सबसे करीबी भागीदारों में से एक है और वह हमारी एक्ट ईस्ट नीति और हिन्द-प्रशांत दृष्टिकोण का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।’’

क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा करते हुए बिरला ने कहा कि समान चुनौतियों का सामना करने वाले और समान विकासात्मक दृष्टिकोण साझा करने वाले देशों के रूप में भारत और वियतनाम जलवायु परिवर्तन और सतत विकास, स्वास्थ्य देखभाल, डिजिटल अर्थव्यवस्था जैसे क्षेत्रों में अपने सहयोग को और बढ़ा सकते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत और वियतनाम वैश्विक और क्षेत्रीय शांति के मुद्दों पर एक सामान्य दृष्टिकोण साझा करते हैं।

रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हुए बिरला ने कहा कि भारत-वियतनाम रक्षा साझेदारी, समुद्री सुरक्षा, क्षमता निर्माण कार्यक्रमों और संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना जैसे क्षेत्रों में सहयोग तेजी से बढ़ रहा है।

बयान के अनुसार, बिरला ने कहा कि दोनों देशों के बीच इन रक्षा संबंधों का भारत-प्रशांत क्षेत्र की शांति, सुरक्षा और स्थिरता में बड़ा योगदान है। उन्होंने वियतनामी नेता से इस सामरिक साझेदारी को और मजबूत बनाने की दिशा में प्रयास करने का आग्रह किया।

व्यापार और आर्थिक संबंधों के बारे में लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि भारत और वियतनाम विश्वसनीय और सुदृढ़ आपूर्ति श्रृंखलाएं सृजित करने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष महामारी के कारण व्यवधान उत्पन्न होने के बावजूद दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 13 अरब डॉलर से अधिक था। उन्होंने व्यापार संबंधों को व्यापक बनाने पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि 15 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य यथाशीघ्र हासिल किया जा सके।

बिरला ने ऊर्जा क्षेत्र में भारत और वियतनाम के बीच दीर्घकालिक और पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी की भी सराहना की और उम्मीद जतायी कि ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) अनुबंध को अगले 15 वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जाएगा।

इससे पहले, बिरला और संसदीय शिष्टमंडल के सदस्यों ने हो ची मिन्ह सिटी में हो ची मिन्ह की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की।

भाषा दीपक दीपक पवनेश

पवनेश