राजस्थान में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

राजस्थान में विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया

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  • Publish Date - October 5, 2022 / 08:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:07 PM IST

जयपुर, पांच अक्टूबर (भाषा) राजस्थान में बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

दो साल के अंतराल के बाद बुधवार को राजधानी जयपुर में बड़े पैमाने पर रावण का पुतला जलाये जाने के साथ विजयदशमी का पर्व मनाया गया।

प्रदेशभर में यह त्योहार पूरे पारंपरिक उत्साह के साथ मनाया गया। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो वर्षों में पुतले जलाने का कोई कार्यक्रम नहीं हुआ था और इस साल बड़ी संख्या में रावण के पुतले बेचे गए।

बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक रावण दहन कार्यक्रम पर अलग-अलग जगहों पर पटाखे फोड़े गए।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने गृह नगर जोधपुर के दशहरा मैदान में रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने रावण के पुतले में आग लगाई।

इससे पहले उन्होंने जोधपुर के महा मंदिर इलाके का दौरा किया और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के चलते पूर्व में उनका आना संभव नहीं हो सका था।

इस अवसर पर सुबह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्वयं सेवकों ने पथ संचलन और शस्त्र पूजन के कार्यक्रम आयोजित किये गये।

मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी अपने सरकारी आवास पर विजया दशमी के पर्व पर शस्त्र पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया।इस दौरान उनके परिवार सदस्य और पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर राजधानी जयपुर के आदर्श नगर, विद्याधर नगर, मानसरोवर, कालवाड रोड सहित कई स्थानों पर रावण, कुंभकरण, और मेघनाथ के पुतलों का दहन किया गया।

जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में 120 फीट ऊंचे दशानन के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान आतिशबाजी और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

विद्याधर नगर स्टेडियम विकास समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कविया ने बताया कि कोरोना के दो साल के बाद बुराई पर अच्छाई के प्रतीक रावण दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह है।

उन्होंने बताया कि जयपुर में 120 फीट ऊंचे रावण, 100 फीट ऊंचे कुंभकरण, और 80 फीट मेघनाद का पुतले का दहन किया गया।

वहीं कोटा में 75 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन किया गया।

भाषा कुंज रंजन

रंजन