भाजपा का सवाल, क्या सनातन धर्म को निशाना बनाने का फैसला विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में हुआ था?

भाजपा का सवाल, क्या सनातन धर्म को निशाना बनाने का फैसला विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में हुआ था?

भाजपा का सवाल, क्या सनातन धर्म को निशाना बनाने का फैसला विपक्षी गठबंधन की मुंबई बैठक में हुआ था?
Modified Date: September 4, 2023 / 06:54 pm IST
Published Date: September 4, 2023 6:54 pm IST

नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सनातन धर्म पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) नेता उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणी को लेकर सोमवार को विपक्ष पर अपना हमला तेज करते हुए कांग्रेस से सवाल कि क्या ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) ने धर्म को निशाना बनाने के लिए मुंबई में बैठक की थी।

पार्टी ने विपक्षी नेताओं को आगाह किया कि वे हिंदू भावनाओं के साथ ना खेलें।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि उन्होंने (उदयनिधि) जो कहा है, वह चौंकाने वाला और शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि उदयनिधि द्वारा अपने बयान को दोहराया जाना और भी हतप्रभ करने वाला है।

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उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम, जिनके पिता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भ्रष्टाचार के एक मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं, वह भी उदयनिधि के बयान का बचाव कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी जैसे विपक्षी नेता चुप क्यों हैं? क्या आप वोटों के लिए हिंदू भावनाओं के साथ खेल रहे हैं? उन्हें पता होना चाहिए कि सैकड़ों साल का इस्लामी शासन सनातन धर्म को खत्म नहीं कर सका और ब्रिटिश साम्राज्यवाद इसे कमजोर नहीं कर सका।’’

प्रसाद ने कहा कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक एक घोषित सनातनी हैं।

केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्षी दलों पर निशाना साधा और कांग्रेस से पूछा कि क्या ‘इंडिया’ ने सनातन धर्म के खिलाफ अपने एजेंडे को अंतिम रूप देने और उसे पूरे देश में समाप्त करने के लिए मुंबई में बैठक की थी।

उन्होंने कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल पर धर्म के खिलाफ जहर उगलने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘क्या यह आपकी मोहब्बत की दुकान है।’’

एक अन्य केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने आरोप लगाया कि सनातन धर्म पर हमला मुंबई में विपक्षी दलों की बैठक के दौरान तय की गई साजिश का हिस्सा है।

उन्होंने कहा कि ‘मंदिरों में फोटो खिंचवाने वालों’ की चुप्पी बयां कर रही है, चाहे वह राहुल गांधी हों या अरविंद केजरीवाल।

भाजपा नेताओं की यह प्रतिक्रिया तमिलनाडु के युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘सनातन धर्म’ समानता और सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसका उन्मूलन किया जाना चाहिए।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया, और डेंगू के बुखार से करते हुए कहा था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्मूलन किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्षी गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘घमंडिया गठबंधन’ के नेताओं में भारत की सभ्यता, मूल आस्था, सनातन धर्म और हिंदू धर्म को गाली देने, कोसने और अपमानित करने की एक प्रतियोगिता सी शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा कि तीन बैठकों के बाद भी विपक्षी गठबंधन अपना संयोजक और नेता तय नहीं कर सका है, लेकिन ‘सनातन धर्म’ को ‘नीचा दिखाने’ की उन्होंने नीति जरूर तय कर ली है।

प्रधान ने उदयनिधि की टिप्पणी पर राकांपा प्रमुख शरद पवार, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए उन पर वोटों के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया।

उन्होंने मांग की कि विपक्षी गठबंधन, विशेष रूप से कांग्रेस स्पष्ट करे कि क्या हिंदुओं को गाली देना और ‘भारत के बहुसंख्यक समुदाय’ को चोट पहुंचाना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की उनकी परिभाषा है।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के प्रमुख नेता के सी वेणुगोपाल ने सारी हदें पार कर दीं… उन्होंने कहा कि कांग्रेस सर्वधर्म सम भाव में विश्वास करती है और पार्टी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है।’’

प्रधान ने सवाल किया, ‘‘क्या हिंदुओं को गाली देना आपके लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है?’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम कड़े शब्दों में इसकी निंदा करते हैं।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि ‘घमंडिया गठबंधन’ के वंशवादी नेता समाज में विभाजन पैदा करने के लिए सनातन धर्म को निशाना बना रहे हैं, क्योंकि सभी जातियों, संप्रदायों और समुदायों के लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पीछे एकजुट हो रहे हैं।

भाषा ब्रजेन्द्र

ब्रजेन्द्र दिलीप

दिलीप


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