सभी हिंदुओं को एकजुट करने के लिए काम करना होगा: मोहन भागवत

सभी हिंदुओं को एकजुट करने के लिए काम करना होगा: मोहन भागवत

सभी हिंदुओं को एकजुट करने के लिए काम करना होगा: मोहन भागवत
Modified Date: June 8, 2025 / 09:33 pm IST
Published Date: June 8, 2025 9:33 pm IST

(फाइल फोटो के साथ)

कानपुर (उप्र), आठ जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि सभी हिंदुओं को एकजुट करने के लिए काम करना होगा।

दो दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे भागवत ने रविवार को नवाबगंज स्थित दीन दयाल उपाध्याय स्कूल में स्वयंसेवकों से संवाद किया।

 ⁠

उन्होंने कहा, ‘‘सभी हिंदुओं को एकजुट करने के लिए काम करना होगा। हर घर में संस्कार होने चाहिए और परिवार में लोग एकजुट होने चाहिए, ताकि हर घर में सनातन परंपरा को फिर से स्थापित किया जा सके।’’

रविवार को पूरे दिन संघ के पदाधिकारियों के साथ भागवत की चार बैठकें हुईं। भागवत ने संघ के कार्यों, शाखाओं, विद्यार्थियों के बीच किये जा रहे सेवा कार्यों की जानकारी ली।

उन्होंने यह भी कहा,‘‘हमें शाखा क्षेत्र के हर परिवार से संपर्क करना चाहिए।’’

भागवत ने कहा कि आरएसएस व्यक्तित्व विकास के लिए काम करता है।

उन्होंने स्पष्ट किया,‘‘व्यक्तिगत विकास का अर्थ है परिवार के साथ-साथ समाज, राष्ट्र और सम्पूर्ण मानव जाति अर्थात विश्व के प्रति अपनी जिम्मेदारी का बोध होना।’’

उन्होंने कहा, “हम कहते हैं कि विश्व एक परिवार है। जैसे-जैसे संघ का विस्तार हुआ, इसने अपने कार्यकर्ताओं के माध्यम से सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में अपने कार्य का दायरा बढ़ाया और विस्तार किया।’’

आरएसएस प्रमुख ने कहा, ‘‘आज हम संघ के शताब्दी वर्ष में हैं। पंच परिवर्तन के आधार पर पूरे समाज में बड़े बदलाव की ओर बढ़ने का प्रयास किया जा रहा है। एक ऐसा समाज जो राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी से परिचित हो, एक ऐसा समाज जो पर्यावरण के अनुरूप अपनी जीवनशैली बनाए, एक ऐसा समाज जो जातिवाद की असमानता से मुक्त हो, जहां पूरे समाज का मंदिरों, जलाशयों, श्मशानों पर समान अधिकार हो।’’

आरएसएस पदाधिकारियों ने बताया कि 21 मई से यहां स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण चल रहा है जो 10 जून को समाप्त होगा।

उन्होंने बताया कि आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले पिछले दो दिनों से कानपुर में हैं और स्वयंसेवकों को जातिगत बंधनों से ऊपर उठकर समाज निर्माण का प्रशिक्षण दे रहे हैं।

भाषा सं आनन्द

राजकुमार

राजकुमार


लेखक के बारे में