( तस्वीर सहित )
कोलकाता, सात मई (भाषा) लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की छिटपुट घटनाएं सामने आईं। इस दौरान मुर्शिदाबाद और जंगीपुर सीट पर विभिन्न हिस्सों में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक दूसरे से भिड़ गए।
पार्टियों के सूत्रों ने कहा कि टीएमसी, भाजपा और कांग्रेस-माकपा गठबंधन ने मतदान के शुरुआती कुछ घंटों में चुनावी हिंसा, मतदाताओं को धमकाने और पोलिंग एजेंटों पर हमलों को लेकर अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराईं।
निर्वाचन आयोग (ईसी) को सुबह नौ बजे तक 182 शिकायतें मिली, जिनमें से अधिकतर मुर्शिदाबाद और जंगीपुर संसदीय क्षेत्रों से थीं।
अधिकारियों के अनुसार, पूर्वाह्न 11 बजे तक लगभग 32.82 प्रतिशत मतदान हुआ, जिसमें जंगीपुर में सबसे अधिक 33.81 प्रतिशत, मालदा दक्षिण में 33.09, मुर्शिदाबाद में 32.72 और मालदा उत्तर में 31.73 वोटिंग हुई।
इसके अलावा मुर्शिदाबाद के भागवानगोला में विधानसभा उपचुनाव में 29.39 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया।
सभी चार सीटें अल्पसंख्यक बहुल हैं। मुर्शिदाबाद और जंगीपुर पर पिछला चुनाव तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने जीता था, जबकि मालदा उत्तर पर भाजपा को जीत मिली थी और मालदा दक्षिण सीट कांग्रेस के खाते में गई थी।
मुर्शिदाबाद सीट पर वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार मोहम्मद सलीम ने दावा किया कि उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र के रबीनगर इलाके में एक ‘फर्जी बूथ एजेंट’ को पकड़ लिया। रबीनगर क्षेत्र में, जब सलीम ने कथित टीएमसी गुंडों द्वारा माकपा के बूथ एजेंटों को घेरने के आरोपों के बाद एक बूथ में प्रवेश करने की कोशिश की, तो उनके लिए ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए गए।
क्षेत्र में मतदाताओं को डराने-धमकाने के आरोप सामने आने के बाद सलीम को एक बूथ से दूसरे बूथ पर घूमते देखा गया।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रवक्ता रिजु दत्ता ने कहा, ‘मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) कांग्रेस के गुंडों के साथ मिलकर मतदाताओं को डराने की कोशिश कर रही है। जनता ने इसका विरोध किया है।’
संसदीय सीट के तहत करीमपुर इलाके में कुछ बूथों के बाहर टीएमसी और माकपा समर्थकों के बीच झड़प की खबर है। डोमकोल इलाके में टीएमसी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की सूचना मिली है।
जंगीपुर क्षेत्र में, भाजपा उम्मीदवार धनजॉय घोष ने जब निर्वाचन क्षेत्र के कुछ बूथों में प्रवेश करने की कोशिश की तो उन्हें टीएमसी कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसी गुंडागर्दी जारी रही, तो कूचबिहार की सीतलकुची घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है।’
घोष 2021 के विधानसभा चुनावों में सीतलकुची गोलीबारी की घटना का जिक्र कर रहे थे, जब भीड़ को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बलों द्वारा की गई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी।
भाषा जोहेब मनीषा
मनीषा