Vande Bharat: बंगाल में नई ‘बाबरी’ चुनावी तैयारी? क्या इस बार बाबरी के नाम पर बंगाल में चुनावी संग्राम लड़ा जाएगा? देखें पूरी रिपोर्ट

Bengal Assembly Election 2026: बंगाल में नई 'बाबरी' चुनावी तैयारी? क्या इस बार बाबरी के नाम पर बंगाल में चुनावी संग्राम लड़ा जाएगा? देखें पूरी रिपोर्ट

Vande Bharat: बंगाल में नई ‘बाबरी’ चुनावी तैयारी? क्या इस बार बाबरी के नाम पर बंगाल में चुनावी संग्राम लड़ा जाएगा? देखें पूरी रिपोर्ट

Bengal Assembly Election 2026

Modified Date: December 22, 2025 / 11:48 pm IST
Published Date: December 22, 2025 11:47 pm IST
HIGHLIGHTS
  • RSS प्रमुख मोहन भागवत ने नई बाबरी मस्जिद को राजनीतिक साजिश कहा
  • हुमायूं कबीर ने मस्जिद का शिलान्यास कर नई पार्टी का ऐलान किया
  • 2026 बंगाल चुनाव से पहले ध्रुवीकरण चरम पर पहुंचता दिख रहा है

नई दिल्ली: Bengal Assembly Election 2026 बंगाल में अगले साल चुनाव होने को है। नई बाबरी के इर्द-गिर्द रची जा रही है। संघ के शताब्दी समारोह में कोलकाता में संघ प्रमुख भागवत ने मुर्शिदाबाद में नई बाबरी मस्जिद को वोट बैंक की राजनीति करार दी। इधऱ हुमायूं कबीर जिसने बंगाल में बाबरी मस्जिद की नींव रखी। उसने TMC से निकाले जाने के बाद नई पार्टी का ऐलान कर ममता को हैरान कर दिया है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या इस बार बाबरी के नाम पर बंगाल में चुनावी संग्राम लड़ा जाएगा?

Bengal Assembly Election 2026 21 दिसंबर 2025 को कोलकाता में RSS की शताब्दी समारोह के दौरान प्रमुख मोहन भागवत ने मुर्शिदाबाद की ‘बाबरी मस्जिद’ पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा- ‘अयोध्या का विवाद सुप्रीम कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद खत्म कर दिया, राम मंदिर बन गया। अब बाबरी मस्जिद को फिर से बनाकर विवाद दोबारा शुरू करने की ये राजनीतिक साजिश है। ये सब वोटों के लिए हो रहा है। इससे न हिंदुओं का भला होगा, न मुसलमानों का”

पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के बेलडांगा में 6 दिसंबर को भारी सुरक्षा के बीच तृणमूल से निलंबित विधायक हुमायूं कबीर ने ‘बाबरी मस्जिद’ स्टाइल मस्जिद का शिलान्यास किया था। हजारों की भीड़ जुटने का दावा किया गया, जहां सऊदी अरब से आए मौलवियों ने कुरान पाठ किया और नारे लगे ‘नारा-ए-तकबीर, अल्लाहु अकबर’ डोनेशन से अब तक 1.30 करोड़ से ज्यादा जुट चुके हैं। वहीं, हुमायूं कबीर ने अपनी अलग राजनीतिक पार्टी का ऐलान कर दिया है। इधर, भागवत के बयान पर हुमायूं ने कहा कि मुख्यमंत्री के RSS से कुछ संबंध है। हाल ही में भागवत 15 दिन के लिए बंगाल आए थे। अब वे दोबारा यहाँ कैसे आ गए। ममता बनर्जी द्वारा राज्य में आरएसएस की मदद करने के बाद से उनकी शाखाओं की संख्या 558 से बढ़कर 12,000 हो गई हैं।

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क्या ये सिर्फ एक मस्जिद का निर्माण है या चुनावी साजिश? दोनों पक्षों के आरोपों से साफ है कि 2026 बंगाल चुनाव से पहले ध्रुवीकरण चरम पर है। क्या ये पुराने जख्मों को फिर कुरेदेगा?


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

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