Film Review: ‘PM मोदी’ का मैजिक, विवेक का असर नहीं

Film Review: 'PM मोदी' का मैजिक, विवेक का असर नहीं

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  • Publish Date - December 4, 2022 / 01:21 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:31 PM IST

मुंबई: डायरेक्टर ओमंग कुमार की विवेक ओबेरॉय स्टारर फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की बायोपिक शुरुआत से ही विवादों में थी। फिल्म रिलीज डेट को चुनाव के पहले बदली गई, फिर रिलीज पर रोक लगी। अब फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ रिलीज हो चुकी है। फिल्म की कहानी में आपको बचपन के नरेंद्र मोदी की झलक दिखेगी, तो घुमन्तू योगी की झलक, कहीं नौजवान मोदी, तो कहीं आरएसएस के प्रचारक के रूप में आप मोदी को देखेंगे।

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भई फिल्म का पहला पार्ट आपको उनके बचपन के संघर्ष से गुजरते हुए गुजरात के सीएम बनने की कहानी दिखाता है,
तो सेकेंड पार्ट में गुजरात के सीएम पद से सीधे पीएम के सफर पर ले जाता है। इस बीच कई घटनाएं ऐसी घटती हैं, जिसके बारे में आप और हम बखूबी जानते हैं। फिल्म का डायरेक्शन शानदार है। कहानी काफी कमजोर दिखती है, लेकिन दर्शकों का ध्यान भटकाने के लिए एक के बाद एक दमदार डायलॉग्स बोले जाते हैं, जिससे कहानी में कमी पर ध्यान ही नहीं जाता।

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पीएम नरेंद्र मोदी के जीवन के सफर में दर्शक इतने खो जाते हैं कि उन्हें विवेक ओबेरॉय की एक्टिंग देखन का समय ही नहीं मिलता। फिल्म में विवेक ने कोशिश की है कि वे अपने टैलेंट से लोगों का दिल जीत सकें, लेकिन दर्शक उन्हें नहीं बल्कि ”मोदी मैजिक” ही देख पा रहे थे। उन्हीं के मैजिक का असर है कि दर्शक फिल्म देखने के लिए जा रहे हैं। फिल्म और भी बेहतर हो सकती थी, अगर बेवजह के सीन कम किए जाते। उनके जीवन काल की कुछ और खास जानकारी दी जाती तो और बेहतर होता। चुनावी माहौल में फिल्म देखने पर आपको पता चल जाएगा कि ये बहुत आनन—फानन में बनाई गई है, लेकिन फिर भी फिल्म आपको निराश नहीं करेगी। अगर आप मोदी के फैन हैं तो आपके लिए ये फिल्म हैं। वरना आप कमियां तो कई निकाल सकते हैं और बोर भी हो सकते हैं।
मेरी तरफ से इस फिल्म को 3/5 स्टार