ब्लॉक लेवल की राजनीति से केंद्रीय मंत्री बनने तक, जानिए कैसा रहा हरीश रावत का राजनीतिक सफर…

ब्लॉक लेवल की राजनीति से केंद्रीय मंत्री बनने तक : From block level politics to becoming Union Minister, know how was Harish Rawat

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  • Publish Date - April 27, 2023 / 09:02 AM IST,
    Updated On - April 27, 2023 / 09:02 AM IST

नई दिल्ली । आज हरीश रावत अपना 75वां जन्मदिन मना रहे है। हरीश रावत प्रदेश ही नहीं देश की राजनीति में एक बड़ा नाम है। कांग्रेस के लिए हरीश रावत के बिना उत्तराखंड की राजनीति में आगे बढ़ना मुश्किल है। 2017 विधानसभा चुनाव में बुरी तरह हारने के बाद भी आज वो प्रदेश की राजनीति में सबसे बड़े नाम बने हुए हैं। हरीश रावत ने अपनी राजनीति की शुरुआत ब्‍लॉक स्‍तर से की और बाद में युवा कांग्रेस के साथ जुड़ गए। 1973 में कांग्रेस की जिला युवा इकाई के प्रमुख चुने जाने वाले वो सबसे कम उम्र के युवा थे।

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पांच बार सांसद रह चुके हरीश रावत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता हैं। 15वीं लोकसभा में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में हरीश रावत जल संसाधन मंत्री, केन्द्रीय मंत्री रह चुके हैं। हरीश रावत संसदीय मामलों के मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (2011-2012) और श्रम और रोजगार मंत्रालय (2009-2011) में राज्य मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं।

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हरीश रावत का राजनीतिक सफर

1980 : वे अल्मोड़ा से 7 वीं लोकसभा के लिए चुने गए जहां उन्होंने जेएनपी के मुरली मनोहर जोशी को हराया।
1984 : वे भाजपा के मुरली मनोहर जोशी को हराकर दूसरे कार्यकाल के लिए 8 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुने गए।
1989 : उन्हें तीसरे कार्यकाल के लिए 9 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया। हालाँकि, वे लगातार चार चुनाव अल्मोड़ा से हार गए।
1989 : सदस्य, सदन समिति
2001 : उन्होंने 2001-2007 तक उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
2002 : उन्हें राज्यसभा के लिए चुना गया।
2009 : उन्हें हरिद्वार से 15 वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया जहां उन्होंने भाजपा के स्वामी यतींद्रानंद गिरि को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया।
2009 : केंद्रीय राज्य मंत्री, श्रम और रोजगार।
2011 : केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और केंद्रीय राज्य मंत्री, संसदीय कार्य।
2012 : केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, जल संसाधन।
2014 : उन्हें धारचूला से 19,000 वोटों के अंतर से विधानसभा सदस्य के रूप में चुना गया।
2014 : उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (2014-2017) के रूप में शपथ ली।

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