Health Sleep Diseases: देर रात तक जागने वाले सावधान! हो सकते हैं इस जानलेवा बीमारी के शिकार

Health Sleep Diseases: देर रात तक जागने और रात में पांच घंटे से कम की नींद जैसी जीवनशैली के परिणामस्वरूप जानलेवा बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। सात घंटे तक सोने वालों की तुलना में जो लोग लगातार 25 वर्षों की अनुवर्ती अवधि में पांच घंटे या उससे कम सोते हैं, उन्हें दो या उससे अधिक जानलेवा बीमारियों होने का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

Health Sleep Diseases: देर रात तक जागने वाले सावधान! हो सकते हैं इस जानलेवा बीमारी के शिकार

Beware those who stay awake till late at night! May be victims of this deadly disease

Modified Date: November 28, 2022 / 08:38 pm IST
Published Date: October 19, 2022 4:08 pm IST

नई दिल्ली। Health Sleep Diseases: देर रात तक जागने और रात में पांच घंटे से कम की नींद जैसी जीवनशैली के परिणामस्वरूप जानलेवा बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है। ब्रिटेन में किए गए एक शोध में इस बात का पता चला है। ब्रिटेन में यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन (यूसीएल) के शोधकर्ताओं ने पाया कि 50 साल की उम्र वाले ऐसे लोग जो एक दिन में पांच घंटे या उससे कम सोते हैं, अन्य लोगों की तुलना में ऐसे लोगों के किसी जानलेवा बीमारी से ग्रसित होने का खतरा 20 %अधिक है।

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7 से 8 घंटे की नींद जरूरी

Health Sleep Diseases: सात घंटे तक सोने वालों की तुलना में जो लोग लगातार 25 वर्षों की अनुवर्ती अवधि में पांच घंटे या उससे कम सोते हैं, उन्हें दो या उससे अधिक जानलेवा बीमारियों होने का खतरा 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। पीएलओएस मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित इस शोध के मुताबिक 50, 60 और 70 साल की उम्र वाले जो लोग पांच घंटे या उससे कम सोते हैं, उनके कई जानलेवा बीमारियों से ग्रसित होने का खतरा सात घंटे तक सोने वाले लोगों की तुलना में 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।

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Health Sleep Diseases: इस शोध के प्रमुख लेखक सेवरिन सबिया ने कहा, ‘उच्च आय वाले देशों में बहु रुग्णता की समस्या बढ़ रही है और आधे से अधिक वृद्ध वयस्कों को अब कम से कम दो जानलेवा बीमारियां हैं।’सबिया ने कहा, ‘यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है, क्योंकि बहु रुग्णता उच्च स्वास्थ्य सेवा के उपयोग, अस्पताल में भर्ती होने और दिव्यांगता से जुड़ी है।’ इस शोध में 50, 60 और 70 साल की उम्र वाले सात हजार से अधिक पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था।

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