धर्मांतरण पर बवाल जारी..आक्रामक हुई भाजपा, क्या है रायपुर में धर्मांतरण के शोर का सच ?

धर्मांतरण पर बवाल जारी..आक्रामक हुई भाजपा, क्या है रायपुर में धर्मांतरण के शोर का सच ?

  •  
  • Publish Date - September 8, 2021 / 11:00 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:38 PM IST

This browser does not support the video element.

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मुद्दे पर भाजपा लगातार आक्रामक होती जा रही है.. धर्मांतरण के आरोपियों पर FIR दर्ज कराने की मांग को लेकर राजधानी में आक्रामक प्रदर्शन किया.. सैकड़ों कार्यकर्ताओं और भाजपा नेताओं ने पुलिस बैरिकेटिंग को ध्वस्त कर अपनी ताकत दिखा दी.. साथ ही जता भी दिया कि अभी तो ये ट्रेलर है, विरोध और संघर्ष की असल तस्वीर तो आनी बाकी है…वहीं कांग्रेस दावा कर रही है कि उनके कार्यकाल में कोई धर्मांतरण नहीं हुआ… ऐसे में सवाल है कि.. रायपुर में धर्मांतरण के शोर का सच क्या है.. क्या भाजपा इस मुद्दे को अपने राजनीतिक फायदे के लिए उठा रही है…लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये कि.. क्या छत्तीसगढ़ में जबरन धर्मांतरण हो रहा है..?

ये भी पढ़ें: नेपाल के विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल ने संसद का सत्र बाधित किया, 14 सांसदों को निलंबित करने की मांग की

राजधानी रायपुर की सड़कों पर प्रदर्शन और पार्टी के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल का एक बयान यह बताने के लिए काफी है कि धर्मांतरण के मुद्दे पर वो कितनी सीरियस है.. भाजपा के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पुलिस बैरिकेटिंग ध्वस्त करते हुए पुरानी बस्ती थाने का घेराव करने निकले. भाजपा नेताओं के तेवर ने साफ कर दिया कि धर्मांतरण के मुद्दे पर उनका स्टैंड क्या है..नेताओं के बयान भी इशारा कर रहे हैं कि चुनाव से पहले धर्मांतरण के मुद्दे पर पार्टी चुप नहीं बैठेगी.. और ना ही इस मुद्दे की गूंज थमने देगी…

ये भी पढ़ें:रिफाइनरी, उर्वरक संयंत्रों के लिये हरित हाइड्रोजन खरीद बाध्यता प्रस्ताव मंत्रिमंडल को भेजा: सिंह

दरअसल, रायपुर में धर्मांतरण मुद्दे की चिंगारी 5 सितंबर को भड़की जब पुरानी बस्ती थाना इलाके के भाठागांव में कथित अवैध धर्मांतरण से आक्रोशित कुछ लोगों ने थाने में ही धर्म विशेष के लोगों को पीट दिया, यहीं से मामला तूल पकड़ लिया. तत्काल ना सिर्फ थानेदार को निलंबित कर दिया गया, बल्कि रातोरात जिले के एसपी को भी बदल दिया गया. मारपीट करने के आरोप में करीब दर्जनभर लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनमें से दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. घटना के बाद धर्म विशेष से जुड़े के एक व्यक्ति का कथित वीडियो वायरल हुआ जिसमें कहा गया धर्मांतरण कराना हमारा अधिकार है. हमे रोकना है तो संविधान जला दो.

ये भी पढ़ें: केरल के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की खिलाफत की

यहां से विवाद और गहराया और भाजपा सीधे-सीधे विरोध में उतर आई. 7 सितंबर को भाजपा नेताओँ ने बैठक कर रणनीति तय की, और उसी दिन पुरानी बस्ती थाने का घेराव कर दोषियों पर एफआईआर करने का अल्टीमेटम दे दिया. 8 सितंबर की सुबह तक एफआईआर दर्ज नहीं हुआ तो भाजपा ने धरना दिया.. और फिर खुद की गिरफ्तारी देने निकल पड़े. फिर करीब 200 पुलिस जवानों की बैरिकेटिंग को ध्वस्त कर अपनी ताकत और इरादे दोनों जता दिए. हालांकि कांग्रेस धर्मांतरण की घटना से इंकार कर रही है..

बीजेपी के तेवर से साफ है कि धर्मांतरण का मुद्दा फिलहाल शांत नहीं होगा. ऐसे में देखना होगा कि सत्तारुढ कांग्रेस पार्टी इसका काट क्या ढूंढ पाती है. सरकार इसे रोक पाती है या फिर भाजपा आंदोलन खड़ा कर उसका राजनीति लाभ उठा ले जाती है.