केरल के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की खिलाफत की |

केरल के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की खिलाफत की

केरल के मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण की खिलाफत की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:56 PM IST, Published Date : September 8, 2021/9:31 pm IST

तिरुवनंतपुरम, आठ सितंबर (भाषा) केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को केंद्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के निजीकरण के खिलाफ आगाह किया और कहा कि राज्य सरकार की नीति सार्वजनिक उपक्रमों को बनाए रखना और उन्हें लाभप्रद स्थिति में लाना है। उत्तरी कासरगोड जिले में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड-इलेक्ट्रिकल मशीन्स लिमिटेड (भेल-ईएमएल) के अधिग्रहण की घोषणा करते हुए, उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक सार्वजनिक उपक्रम के लिए गतिविधियों का विस्तार और उनमें विविधता लाने तथा उन्हें लाभ कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक ‘मास्टरप्लान’ तैयार करेगी। बीएचईएल-इलेक्ट्रिकल मशीन्स लिमिटेड, कासरगोड, केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का एक उद्यम (सीपीएसई) था और महारत्न कंपनी भेल की सहायक कंपनी थी। विजयन ने एक फेसबुक वीडियो में कहा, ‘‘राज्य सरकार ने निजीकरण के खतरे को देखते हुए पीएसयू को संभालने का फैसला किया है। हमारी सरकार एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम के महत्व को पहचानती है।’’ उन्होंने कहा कि इस पीएसयू को इसके पुनरुद्धार के लिए 43 करोड़ रुपये सहित कुल 77 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया गया है। कंपनी को उन्नत सुविधाओं के साथ एक नया जीवन प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कंपनी के उन कर्मचारियों का वेतन बकाया देने का भी फैसला किया है जो बिना किसी कमाई के पिछले दो साल से पीड़ित हैं और इसके लिए कुल 14 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के संबंध में हमारे देश में दो तरह के दृष्टिकोण प्रचलित हैं। एक उनका निजीकरण करना है और दूसरा ऐसे संस्थानों को और मजबूत करना है।’’.

केरल सरकार ने हाल ही में भेल को राज्य द्वारा संचालित इलेक्ट्रिकल मशीन्स लिमिटेड के संयुक्त उद्यम (जेवी) से बाहर निकलने की अनुमति दी थी। राज्य सरकार ने भेल-ईएमएल में अपने शेयरों के विनिवेश के केंद्र के फैसले के मद्देनजर शेयरों को खरीदने का भी फैसला किया था। इस संयुक्त उद्यम में भेल की 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी, जबकि राज्य सरकार की 49 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी।भाषा राजेश राजेश महाबीरमहाबीर

 

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