INS Vikrant Features: स्वदेशी युद्धपोत की खासियत जानकर गर्व से चौड़ा हो जाएगा सीना, जानिए 10 पाइंट में

पूर्णत: स्वदेशी तकनीकि से बनें INS विक्रांत को आज भारतीय नौ सेना को सौंप दिया गया है। यह भारतीय नौ सेना के इतिहास में पहली बार है। जब कोई एयरक्राफ्ट कैरियर पूर्णत: स्वदेशी तरीके से बनाया गया हो। सीमा पर तनातनी और हिंद महासागर के क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच समुद्र में भारत की ताकत बढ़ गई। नौसेना में ‘समुद्र का बादशाह’ आईएनएस विक्रांत आज शामिल हो गया है।

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  • Publish Date - September 2, 2022 / 02:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:16 PM IST

India’s First indigenous aircraft carrier INS VIKRANT  : पूर्णत: स्वदेशी तकनीकि से बनें INS विक्रांत को आज भारतीय नौ सेना को सौंप दिया गया है। यह भारतीय नौ सेना के इतिहास में पहली बार है। जब कोई एयरक्राफ्ट कैरियर पूर्णत: स्वदेशी तरीके से बनाया गया हो। सीमा पर तनातनी और हिंद महासागर के क्षेत्र में चीन की बढ़ती मौजूदगी के बीच समुद्र में भारत की ताकत बढ़ गई। नौसेना में ‘समुद्र का बादशाह’ आईएनएस विक्रांत आज शामिल हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद आईएनएस विक्रांत नेवी को सौंपा। पिछले साल 21 अगस्त से पहले इस विमानवाहक पोत के कई सफल ट्रायल समुद्र में किए जा चुके हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कई खूबियां गिनाते हुए भारतीय नौ सेना को यह पोत सौपा है।

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इन खासियत कि वजह से है INS विक्रांत नं. 1

INS विक्रांत देश का नं. 1 एयरक्राफ्ट कैरियर है। जिसमें एडवांस टेक्नॉलॉजी के साथ-साथ कई सारी खूबियां है। हम आपको बतानें वाले हैं INS विक्रांत की 10 ऐसी खूबियां जो इसे देश का नं. वन एयर क्राफ्ट कैरियर बनाती है।

1. इस युद्धपोत पर एक समय में मिग-29K फाइटर जेट और हेलीकॉप्टर जैसे 30 एयरक्राफ्ट का संचालन किया जा सकता है।

2. आईएनएस विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इसका वजन करीब 45 हजार टन है और इसमें 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइन लगी हैं।

3. इसमें 14 डेक हैं जो किसी दस मंजिला इमारत की तरह दिखाई देता है।

4. इसमें मॉडर्न किचन है, जहां एक घंटे में करीब 1600 लोगों के लिए भोजन बन सकता है।

5. इस युद्धपोत की अधिक रफ्तार 28 (नॉट) समुद्री मील है।

6. यह युद्धपोत से ज्यादा तैरता हुआ एयरफील्ड है,या तैरता हुआ शहर भी कह सकते हैं। इसमें जितनी बिजली पैदा होती है, जिससे 5000 घरों को रौशन किया जा सकता है। इसका फ्लाइंग डेक भी दो फुटबॉल फील्ड से बड़ा है।

7. विक्रांत का अर्थ विजयी और वीर होता है। स्वदेशी विमानवाहक (आईएसी) की नींव अप्रैल 2005 में औपचारिक स्टील कटिंग द्वारा रखी गई थी।

8. विमान वाहक बनाने के लिए खास तरह के स्टील की जरूरत होती है, जिसे वॉरशिप ग्रेड स्टील (डब्ल्यूजीएस) कहते हैं। जो इसमें भरपूर मात्रा में उपयोग की गई है।

9.युद्धपोत का निर्माण, भारत के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से ज्यादा लघु, कुटीर और मध्यम उपक्रम (एमएसएमई) द्वारा सप्लाई स्वदेशी उपकरणों और मशीनरी का इस्तेमाल करके किया गया है।

10.विक्रांत के सेवा में आने से भारत अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास स्वदेशी रूप से डिजाइन करने और एक विमान वाहक बनाने की कैपेसिटी है।

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भारत की नौ सेना  आज दुनिया की सबसे मजबूत और शक्तिशाली सेना है। जो दिन पर दिन ग्रो कर रही है। भारत सरकार ने मेक इन इंडिया के तहत देश की सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े हथियारो को बनाना शुरु कर दिया है।