‘मेरी मां ने मुझे दूसरी बार जन्म दिया’, मां की पुकार ने Ahmedabad Plane Crash से कैसे बचा ली यमन व्यास की जान…पढ़ें चमत्कार की कहानियां

Ahmedabad Plane Crash: इसी कड़ी में एक और चमत्कारिक घटना ने एक शख्स की जान बचा ली है। इस शख्स के लिए मां की पुकार ही उसकी ढाल बन गई है।

‘मेरी मां ने मुझे दूसरी बार जन्म दिया’, मां की पुकार ने Ahmedabad Plane Crash से कैसे बचा ली यमन व्यास की जान…पढ़ें चमत्कार की कहानियां

Ahmedabad Plane Crash Survivors Story, image source: ANI

Modified Date: June 15, 2025 / 11:29 pm IST
Published Date: June 15, 2025 11:29 pm IST
HIGHLIGHTS
  • यमन व्यास ने मां की पुकार पर रद्द की टिकट,
  • डॉक्युमेंट्स की गड़बड़ी से बचे जैमिन और प्रिया पटेल
  • ट्रैफिक जाम ने भूमि चौहान की बचाई जान

Ahmedabad Plane Crash Survivors Story: अहमदाबाद प्लेन क्रैश की घटना में करीब 275 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन इस घटना में कुछ लोग चमत्कारिक रूप से बच गए हैं। इसी कड़ी में एक और चमत्कारिक घटना ने एक शख्स की जान बचा ली है। इस शख्स के लिए मां की पुकार ही उसकी ढाल बन गई है।

दरअसल, 12 जून को अहमदाबाद एयरपोर्ट पर हुई घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट उड़ान भरते ही हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में प्लेन में सवार 241 लोगों समेत 274 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई, लेकिन इस दर्दनाक मंजर के बीच कुछ ऐसे वाकए भी सामने आए जिसने दिल को हिलाकर रख दिया।

इस घटना में एक शख्स चमत्कारिक रूप से फ्लाइट से बच निकला। तो एक शख्स की जान उसकी मां की पुकार की वजह से बच गई। तो किसी को ट्रैफिक ने रोक लिया और किसी को डाक्यूमेंट्स की वजह से सिस्टम ने फ्लाइट में चढ़ने से ही रोक दिया। इन सभी घटनाक्रम में एक बात कॉमन है और वह है किस्मत ।

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मां की इस बात ने बचा ली जान

Ahmedabad Plane Crash Survivors Story: आपको बता दें कि वडोदरा के रहने वाले यमन व्यास लंदन में नौकरी करते हैं। वह छुट्टियों पर भारत आए थे और अब वापस लौटने जा रहे थे, फ्लाइट की टिकट कन्फर्म थी, बैग पैक हो चुका था। लेकिन घर से निकलने से पहले ही मां ने कहा – “थोड़े दिन और रुक जाओ ना बेटा…” बस फिर क्या था बेटा ने मां की बात रख ली। और उन्होंने टिकट कैंसल कर दी। इसी बीच जब वे शाम को जब टीवी पर खबर देखी तो हैरान रह गए, क्योंकि यह वही फ्लाइट थी, जिसमें वो सवार होने वाले थे। उनके पैरों तले से जमीन खिसक चुकी थी। इसे लेकर यमन व्यास का कहना है – “मेरी मां ने मुझे दूसरी बार जन्म दिया है”

फ्लाइट से नहीं, मौत से बचे

इसी तरह अहमदाबाद के जैमिन और प्रिया पटेल लंदन जा रहे थे। प्लानिंग पक्की थी लेकिन डॉक्युमेंट्स में एक गड़बड़ी रह गई। एयर इंडिया के कर्मचारियों ने उन्हें बोर्डिंग से रोक दिया। दोनों ने बहुत विनती की लेकिन नियम नहीं बदले। इससे वे नाराज होकर लौट आए, लेकिन थोड़ी देर बाद वो खबर आई जिसने उनके होश उड़ा दिए। क्योंकि फ्लाइट क्रैश हो चुकी थी, जिसमें वो बैठने वाले थे। जैमिन कहते हैं – “लगता है भगवान ने हमें प्लेन से नहीं, सीधे मौत से उतार दिया।”

ट्रैफिक जाम की वजह से बची जान

इनके अलावा ब्रिटेन में रहने वाली भूमि चौहान भी भारत आई थीं। वापसी की फ्लाइट उसी दिन थी, उसी प्लेन से जो हादसे का शिकार हुआ। लेकिन ट्रैफिक जाम ने उन्हें एयरपोर्ट पहुंचने में देर करवा दी। वो सिर्फ 10 मिनट लेट हुईं और फ्लाइट मिस हो गई। भूमि ने कहा – “मुझे नहीं पता वो कौन सी शक्ति थी, लेकिन अब समझ आ गया कि वो देरी मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी राहत बन गई।”

जहां लोहा भी गल गया वहां एकमात्र यात्री कैसे बचा

इस दर्दनाक हादसे में एक मात्र व्यक्ति जिंदा बच पाया , जिसका नाम है विश्वास कुमार रमेश। वो ‘A11’ सीट पर बैठे थे। उन्हें गंभीर चोटें आईं लेकिन डॉक्टरों की टीम की देखरेख में वो धीरे-धीरे ठीक हो रहे हैं। रमेश कहते हैं – “मैं आज भी नहीं समझ पा रहा कि इतने लोगों के बीच सिर्फ मैं कैसे बच गया। यह चमत्कार नहीं तो और क्या है?”

इन कहानियों ने यह साबित किया है कि जिंदगी और मौत का फैसला इंसान नहीं करता… किस्मत और ऊपर वाला ही तय करता है कि कौन कब किस रास्ते से बचेगा और कौन कब कहां समाप्त हो जाएगा।

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com