Reported By: Rajesh Mishra
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SarkarOnIBC24 इज़राइल-ईरान के बीच तनाव अब खुली जंग में तब्दील हो चुका है बीते 24 घंटों में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर भीषण हमले किए हैं। इस टकराव में अब तक 78 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों लोग घायल हुए हैं।
SarkarOnIBC24 इज़राइल ने अपने ऑपरेशन राइजिंग लायन के तहत ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर बड़ा हमला किया तो जवाब में ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 के तहत इज़राइल पर मिसाइलों की बारिश कर दी। ईरानी मिसाइल हमलों के बाद इज़राइल भड़क गया है और ईरान से बदला लेने की धमकी दी है। ऐसे में आशंका बढ़ गई है कि इज़राइल का अगला निशाना ईरान की परमाणु साइट्स हो सकती हैं जो इस संघर्ष को और भीषण बना सकती हैं और दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर ले जा सकती हैं।
SarkarOnIBC24 ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर इज़राइल के हमले के बाद मध्य-पूर्व में तनाव चरम पर पहुंच गया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ खुला मोर्चा खोल दिया है। जब इज़राइल ने ऑपरेशन राइजिंग लायन शुरू किया तो ईरान ने ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3 के तहत पलटवार किया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को भारी नुकसान पहुँचाने की कोशिश की। संघर्ष की शुरुआत शुक्रवार से हुई जब इज़राइल ने ईरान पर बड़ा हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन में 200 से अधिक फाइटर जेट्स ने एक साथ उड़ान भरी और लगभग 100 न्यूक्लियर और मिलिट्री साइट्स पर 300 से अधिक बम गिराए। इस हमले में ईरान के 20 कमांडर और लगभग 6 परमाणु वैज्ञानिक मारे गए। दरअसल, इज़राइल नहीं चाहता कि ईरान परमाणु बम बनाने में सफल हो।
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SarkarOnIBC24 इज़राइल के हमले के जवाब में ईरान ने भी मिसाइल और ड्रोन से हमला किया। ईरान ने 150 बैलिस्टिक मिसाइलें इज़राइल की ओर दागीं। इनमें से 6 मिसाइलें राजधानी तेल अवीव में गिरीं। ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स में इज़राइली रक्षा मंत्रालय को भी निशाना बनाने का दावा किया गया है। हालांकि ईरानी हमलों से इज़राइली शहरों में व्यापक तबाही नहीं हुई, लेकिन यह हमला ईरान की एक मनोवैज्ञानिक जीत माना जा रहा है। क्योंकि इसने यह दिखा दिया कि ईरान इज़राइल के आयरन डोम डिफेंस सिस्टम को भेद सकता है।
SarkarOnIBC24 ईरान का हमला भारतीय समयानुसार शनिवार सुबह लगभग 7:15 बजे तक जारी रहा। हमले की आशंका के चलते इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था। इज़राइली राजदूत ने कहा है कि देश ‘जंग की स्थिति’ में है। इससे मध्य-पूर्व में तीसरे विश्व युद्ध की संभावना और भी प्रबल हो गई है। हालाँकि इसकी दिशा काफी हद तक रूस और चीन के रुख पर निर्भर करेगी। यदि ये देश ईरान को सैन्य समर्थन देते हैं, तो अमेरिका और नाटो से सीधा टकराव हो सकता है। इस बीच अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है कि अगर उसने परमाणु समझौते पर वापसी नहीं की तो उसे बड़े हमले का सामना करना पड़ सकता है।