Pakhanjur News: जब सरकार ने मुंह मोड़ा, तो गांव वालों ने थामा फावड़ा…कांकेर में टूटी उम्मीदों के बीच ग्रामीणों ने किया कुछ ऐसा, दंग रह गए सब के सब…

छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में पखांजूर मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित मूरडोडा गांव आज अपने ही दम पर वो काम कर रहा है, जिसे वर्षों से शासन और प्रशासन नजरअंदाज करता आ रहा है। यहां के ग्रामीणों ने ठान लिया है कि अगर सरकार उनकी नहीं सुनेगी, तो वो खुद अपनी सड़क बनाएंगे, और वो भी चंदा इकट्ठा करके।

Pakhanjur News: जब सरकार ने मुंह मोड़ा, तो गांव वालों ने थामा फावड़ा…कांकेर में टूटी उम्मीदों के बीच ग्रामीणों ने किया कुछ ऐसा, दंग रह गए सब के सब…

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Modified Date: October 10, 2025 / 04:20 pm IST
Published Date: October 10, 2025 4:20 pm IST
HIGHLIGHTS
  • मूरडोडा गांव में नहीं है पक्की सड़क की सुविधा
  • ग्रामीणों ने चंदा इकट्ठा कर खुद शुरू किया सड़क निर्माण
  • बारिश में खराब सड़क से बच्चों और गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी

Pakhanjur News: पखांजूर: छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में पखांजूर मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर स्थित मूरडोडा गांव आज अपने ही दम पर वो काम कर रहा है, जिसे वर्षों से शासन और प्रशासन नजरअंदाज करता आ रहा है। यहां के ग्रामीणों ने ठान लिया है कि अगर सरकार उनकी नहीं सुनेगी, तो वो खुद अपनी सड़क बनाएंगे, और वो भी चंदा इकट्ठा करके।

100 से अधिक परिवारों वाले इस गांव तक एक कच्ची सड़क ज़रूर है, लेकिन हर साल बारिश में वह कीचड़ में तब्दील हो जाती है। हालत यह है कि गर्भवती महिलाओं को खाट पर उठाकर अस्पताल तक ले जाना पड़ता है, और स्कूली बच्चों को फिसलती पगडंडियों से होकर दूसरे गांव पढ़ने जाना पड़ता है।

सांसद तक के पास गुहार लगा रहे ग्रामीण

Pakhanjur News: पंचायत से लेकर विधायक और सांसद तक, ग्रामीण हर दरवाज़े पर जाकर गुहार लगा चुके हैं। कांग्रेस से लेकर बीजेपी तक की सरकारें आईं और गईं, लेकिन इस गांव के हिस्से सिर्फ वादे और इंतज़ार ही आए। पंचायत से जब मरम्मत की बात होती है तो ‘फंड नहीं है’ का जवाब थमा दिया जाता है। नतीजा, गांव आज भी सड़क जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित है।

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ग्रामीण खुद ही बना रहे सड़क

आखिरकार ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और आपसी सहयोग से एक मिसाल कायम की। सबने मिलकर चंदा जुटाया, और अब खुद फावड़ा, बेलचा लेकर सड़क मरम्मत में जुट गए हैं। पिछले दो दिनों से लगातार सड़क सुधारने का काम चल रहा है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक कोई भी ज़िम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि हाल तक पूछने तक नहीं आया।

Pakhanjur News: ग्रामीणों का कहना है कि, “हम हर चुनाव में वोट डालते हैं। नेता आते हैं, वादे करते हैं लेकिन चुनाव के बाद न कोई लौटता है, न वादे निभते हैं। अब हमें किसी से उम्मीद नहीं, खुद ही अपने बच्चों और बीमारों के लिए रास्ता बना रहे हैं।”

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सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

पत्रकारिता और क्रिएटिव राइटिंग में स्नातक हूँ। मीडिया क्षेत्र में 3 वर्षों का विविध अनुभव प्राप्त है, जहां मैंने अलग-अलग मीडिया हाउस में एंकरिंग, वॉइस ओवर और कंटेन्ट राइटिंग जैसे कार्यों में उत्कृष्ट योगदान दिया। IBC24 में मैं अभी Trainee-Digital Marketing के रूप में कार्यरत हूँ।