रतलाम: मध्य प्रदेश की रतलाम लोकसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद 2009 में यह लोकसभा सीट अस्तित्व में आई। इस निर्वाचन क्षेत्र में पूरे अलीराजपुर और झाबुआ समेत रतलाम जिले का हिस्सा शामिल है। यह क्षेत्र मालवा का हिस्सा है। यह सीट मध्यप्रदेश की आरक्षीत सीटों में से एक है। अगर झाबुआ सीट के लिहाज से देखें तो यहां कांग्रेस का दबदबा रहा है। 2009 में झाबुआ से अलग होने के बाद रतलाम सीट पर कांग्रेस जीत हुई थी, लेकिन उनके निधन के बाद कांग्रेस ने यहां वापसी कर ली।
2014 में कांतिलाल भूरिया को दिलीप सिंह ने मात दी थी, लेकिन दिलीप सिंह के निधन के बाद यहां पर उपचुनाव हुआ और उसमें कांतिलाल ने वापसी की। बीजेपी ने उपचुनाव में दिलीप सिंह की बेटी निर्मला सिंह भूरिया को टिकट दिया था।
रतलाम लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटें रतलाम शहर, अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, थांदला, पेटलावद, रतलाम ग्रामीण और सैलाना हैंं ये सभी विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैंं
रतलाम लोकसभा सीट को पहले झाबुआ लोकसभा सीट के नाम से जाना जाता था। 2008 में परिसीमन के बाद यह रतलाम लोकसभा सीट हो गई। यह सीट अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवार के लिए आरक्षित है। 2009 में यहां पर हुए चुनाव में कांग्रेस के दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया ने जीत हासिल की थी। हालांकि इसके अगले चुनाव यानी 2014 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। दिलीप सिंह के निधन के बाद 2015 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भुरिया ने एक बार फिर यहां पर वापसी की और उन्होंने बीजेपी की निर्मला भूरिया को हराया।
रमलाम का सामाजिक पृष्ठभूमि अगर देखें तो आरक्षित सीट के अनुसार यहां की 73.54 फीसदी आबादी अनुसूचित जतजाति की है, जबकि 4.51 फीसदी की आबादी अनुसूचित जाति की है। यहां की 82.63 फीसदी आबादी ग्रामीण इलाके और 17.37 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है। रतलाम मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र का जिला है. रतलाम के पहले राजा महाराजा रतन सिंह थे. यह शहर सेव, सोना, सट्टा ,मावा, साड़ी तथा समोसा कचौरी के लिए मशहूर है।
परिसीमन के बाद 2009 में अस्तीत्व में आए रतलाम सीट आदिवासी आरक्षीत है। इस क्षेत्र में विकास और आदिवासियों का हक दिलाने का मुद्दा चुनावी समर में गूंज रहा है। वहीं, रोजगार देने और क्षेत्र की असुविधाओं को दूर करने के मुद्दे का लेकर राजनीतिक दल के नेता जनता के बीच पहुंच रहे हैं। इस क्षेत्र में किसानों का मुद्दा भी अहम है, जो इस बार के चुनाव में देश के हर कोने में गूंज रहा है।
विजयी प्रत्याशी : दिलीप सिंह भूरिया (बीजेपी) 545980 (32 फीसदी) वोट
फर्स्ट रन अप : कांतीलाल भूरिया (कांग्रेस) 437523 (25 फीसदी) वोट मिले थे
सेकंड रनर अप : आम आदमी पार्टी – 2.71 फीसदी वोट
विजयी प्रत्याशी : कांतीलाल भूरिया (कांग्रेस) 308923 (24 फीसदी) वोट मिले थे
फर्स्ट रनर अप : दिलीप सिंह भूरिया (बीजेपी) 251255 (20 फीसदी) वोट
सेकंड रनर अप : रामेश्वर सिंगार (आईएनडी) 22946, 1 फीसदी वोट
कुल वोटर्स : 17,02,648
पुरुष : 8,60,947
महिला : 8,41, 701
कुल मतदान: 63.59 %