बीपी-डायबिटीज की परेशनियों को कंट्रोल करने में रामबाण से कम नहीं रसोई में मौजूद ये 7 मसाले, आजमाते ही दवाइयों से मिलेगी राहत
These 7 spices present in the kitchen are no less than a panacea to control the problems of BP-diabetes :इस्तेमाल से दवाई खाना बंद हो जाएगा
Ayurvedic jaggery is in these 7 spices: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसे जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। इसे केवल सही खान-पान और नियमित दिनचर्या से कंट्रोल कर सकते हैं। पहले ये उम्र दराज लोगों को अपना शिकार बनाती थी लेकिन गलत दिनचर्या और खान पान के कारण ये बीमारी अब युवाओं और बच्चों में भी देखने को मिल रही है। डायबिटीज में कोशिकाएं शरीर में बनने वाली शुगर को अवशोषित नहीं कर पाती। जिससे शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है। लेकिन आज हम इन बीमारियों से राहत पाने के कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे बताने जा रहे है। जिसके इस्तेमाल से न सिर्फ दवाई खान बंद हो जाएगा साथ ही स्वास्थ्य भी बेहतर हो जाएगा। आज हम आपको किचन के ऐसे ही 7 मसालों के बारे में बताएंगे जो खाने का ज़ायका बढ़ाने के साथ ही सेहत के लिए भी काफी लाभकारी हैं।
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हल्दी – भारतीय भोजन में लगभग हर चीज में हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. हर घर में हल्दी आसानी से मिल जाती है । सदियों से हल्दी का इस्तेमाल घाव, संक्रमण आदि में किया जाता रहा है। लिवर डिजीज के साथ ही सर्दियों में शरीर को गर्म रखने के लिए हल्दी का प्रयोग किया जाता है. हल्दी के इस्तेमाल से शरीर के इन्फ्लेमेशन को कम किया जा सकता है।
Ayurvedic jaggery is in these 7 spices: दालचीनी – हल्दी की तरह ही दालचीनी भी एक फेमस किचन मसाला है। स्टडीज के मुताबिक इसमें मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ शरीर में होने वाली सूजन को कम करने में दालचीनी मदद करती है। सब्जियों के साथ ही इसे कई लोग चाय या कॉफी में भी छिड़कते हैं। दालचीनी के प्रयोग से ब्लड में शुगर को कंट्रोल करने में मदद मिलती है।
अदरक – सर्दियों के मौसम के आने के साथ ही घरों में अदरक का प्रयोग काफी बढ़ जाता है। दरअसल, अदरक शरीर को गर्म रखने में काफी मददगार होता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टीज रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। अदरक के सेवन से इम्यूनिटी भी बढ़ती है। पेट में गड़बड़ होने, सिरदर्द या फिर इन्फेक्शन होने पर भी अदरक का प्रयोग किया जाता है। अदरक ब्लड प्रेशर करने में भी मददगार हो सकता है ।
लाल मिर्च – हर किचन में लाल मिर्च मौजूद होती है। कई लोगों के लाल मिर्च का नाम सुनते ही भले ही पसीने छूट जाते हैं लेकिन ये भी गुणों से भरपूर मसाला है ।लाल मिर्च के अंदर नेचुरल कंपाउंड कैप्साइसिनॉइड होता है जिसकी वजह से मिर्च में एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज़ आती हैं. इसे सीमित मात्रा में खाने से ये डाइजेशन में भी मदद करती है।
Ayurvedic jaggery is in these 7 spices: काली मिर्च – लाल मिर्च की तरह काली मिर्च भी खाने में तीखा तड़का पैदा करने के लिए प्रयोग की जाती है। इसके गुणों की वजह से इसे ‘मसालों का राजा’ भी कहा जाता है। काली मिर्च में एंटी-बैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं. ऐसे में आप आज से ही अपने खाने में काली मिर्च का प्रयोग शुरू कर सकते हैं ।
लहसुन – लगभग हर घर में खाने में लहसुन का प्रयोग किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लहसुन सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता बल्कि इसमें मौजूद प्रॉपर्टीज़ कई बीमारियों को दूर रखने में भी मदद करती है। लहसुन के नियमित सेवन से अर्थराइटिस की समस्या से बचाव होता है. इसके साथ ही शरीर की गर्माहट बरकरार रखने में भी लहसुन मदद करता है ।
Ayurvedic jaggery is in these 7 spices: लौंग – किचन का एक और महत्वपूर्ण मसाला है लौंग, जिसका प्रयोग सभी घरों में किया जाता है । लौंग खाने से पेट की गड़बड़, जी मिचलाना और मुंह या गले में दर्द की शिकायत दूर हो जाती है. लौंग का इस्तेमाल आमतौर पर सूप या फिर सब्जियों में तीखापन पैदा करने के लिए किया जाता है. खाने के बाद भी कई लोग अक्सर लौंग खाना पसंद करते हैं ।

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