Raigarh Lok Sabha Seat: रायगढ़ में पिछले 25 सालों से वनवास काट रही कांग्रेस, क्या इस बार ढहा पाएगी बीजेपी का ‘गढ़’! जानें समीकरण और मुद्दे

Raigarh Lok Sabha Seat: रायगढ़ में पिछले 25 सालों से वनवास काट रही कांग्रेस, क्या इस बार ढहा पाएगी बीजेपी का 'गढ़'! जानें समीकरण और मुद्दे

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  • Publish Date - May 4, 2024 / 06:56 PM IST,
    Updated On - May 4, 2024 / 06:56 PM IST

रायगढ़: Raigarh Lok Sabha Seatदेश के 13 राज्यों के 88 लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान खत्म हो चुका है। जिसके बाद अब तीसरे चरण का मतदान 7 मई को होगा। वहीं छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के मतदान में सरगुजा, रायगढ़, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, जांजगीर चांपा, कोरबा पर चुनाव है। बात करें रायगढ़ लोकसभा की तो यहां संसदीय क्षेत्र में इस बार लोकसभा की लड़ाई आम बनाम खास है। क्योंकि कांग्रेस ने राजघराने की सदस्य डॉ मेनका सिंह को मैदान में उतारा है। डॉक्टर मेनका सिंह इस अनुसूचित जनजाति आरक्षित सीट पर बीजपी के राधेश्याम राठिया के खिलाफ खड़ी हैं, जहां 7 मई को तीसरे चरण में मतदान होगा।

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25 साल से कांग्रेस को है जीत का इंतजार

Raigarh Lok Sabha Seat छत्‍तीसगढ़ की रायगढ़ लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्‍कर मानी जा रही है। इस सीट पर छत्‍तीसगढ़ राज्‍य के अस्तित्‍व में आने के बाद से ही बीजेपी का कब्‍जा रहा है। यहां 25 साल से वनवास काट रही कांग्रेस इस बार रायगढ़ फतह करने का प्रयास कर रही है। वहीं बीजेपी इस किले को अपने लिए सबसे मजबूत गढ़ मानती है।

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रायगढ़ लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी

रायगढ़ में 15 लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। इन चुनावों में 7 बार बीजेपी और कांग्रेस ने छह बार जीत हासिल की है। एक बार निर्दलीय और एक बार दूसरी पार्टी के प्रत्‍याशी जीते हैं। इस बार 2024 लोकसभा चुनाव बीजेपी ने राधेश्याम राठिया को कैंडिडेट बनाया है। जबकि कांग्रेस ने मेनका देवी सिंह को प्रत्याशी बनाया है।

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समीकरण और मुद्दे-

रायगढ़ सीट की 65 फीसदी आबादी आदिवासियों की है। ये सीट पिछले 25 सालों से भाजपा के कब्जे में है। इस सीट से CM विष्णुदेव साय चार बार चुनाव जीत चुके हैं। साल 2014 के चुनाव में सीएम साय ने 2 लाख 16 हजार वोटों से जीत हासिल की थी। इस सीट के जातिगत समीकरण पर ध्यान दें तो इस सीट में 4 लाख 9261 मतदाता राठिया और कंवर जाति के हैं। इन मतदाताओं में ज्यादातर मतदाता जशपुर क्षेत्र के हैं। इसी तरह गोंड जाति के 2 लाख 36 हजार 342 मतदाता हैं। कमोबेश साय पैंकरा जाति के 1 लाख 66 हजार 812 मतदाता हैं। जबकि हिंदु उरांव जाति के 1 लाख 18232 और क्रिश्चयन वोटर तकरीबन 1 लाख 36 हजार हैं। इस सीट में कंवर व गोंड समाज निर्णायक भूमिका में होते हैं। जिस भी पार्टी को इनका समर्थन मिलेगा वो जीत हासिल करेगी। इस सीट में खराब सडकें, बढता प्रदूषण, बेरोजगारी की वजह से पलायन, गरीबी की वजह से धर्मांतरण, रेल सुविधाओं की कमी जैसे मुद्दे हावी हैं।

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कांग्रेस-बीजेपी में बराबरी की टक्‍कर

रायगढ़ लोकसभा में 8 विधानसभा सीट आती है। इसमें जशपुर के तीन, रायगढ़ के चार और सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के सारंगढ़ विधानसभा शामिल हैं। इसमें जशपुर के तीनों सीटों पर तो विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है। वहीं रायगढ़ जिले के तीन विधानसभा में हार का सामना करना पड़ा है, ये सीटें कांग्रेस के पास है।

इसमें धरमजयगढ़, लैलूंगा और खरसिया शामिल है। रायगढ़ लोकसभा सीट में ग्रामीण आबादी का प्रतिशत 85.79 है। कुल आबादी में आदिवासियों का हिस्सा 44 फीसदी है जबकि अनुसूचित जाति की आबादी 11.70 फीसदी है।

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