नई दिल्ली: Lok Sabha Chunav 2024 चुनाव प्रचार के साथ-साथ कांग्रेस के सामने अब एक बड़ी चुनौती ये भी है कि कैसे वो अपने बचे हुए कैडर को एकजुट बनाए रखे और अपने उम्मीदवारों को मैदान में बनाए रखे। खजुराहो, सूरत, इंदौर और अब पुरी ये वो 4 लोकसभा सीट है। जहां के नतीजे भले ही न आए हों लेकिन कांग्रेस इन चारों सीट पर रेस से बाहर हो चुकी है। कहीं नामांकन निरस्त हो गया, कहीं उम्मीदवार ने नॉमिनेशन वापस ले लिया तो कहीं प्रत्याशी ने पार्टी को टिकट ही वापस कर दिया। इस वक्त देश में ये कहना गलत नहीं होगा कि कांग्रेस पार्टी, चुनौती का पर्याय बन चुकी है तो आज एक बार फिर किस कांग्रेस के नेता ने पार्टी छोड़ी और किस कांग्रेस उम्मीदवार ने टिकट लौटाया।
Lok Sabha Chunav 2024 कांग्रेस पर छाए संकट के बादल हटने का नाम नहीं ले रहे। शायद ही कोई ऐसा राज्य हो जहां कांग्रेस पार्टी मुश्किलों से न घिरी हो। कुछ घंटे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस में कई अहम जिम्मेदारी संभाल चुके संजय निरूपम, शिंदे गुट वाली शिवसेना में शामिल हो गए। तो इधर शनिवार को दिल्ली कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने बीजेपी का दामन थाम लिया। हफ्ते भर पहले यानी 28 अप्रैल को उन्होंने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था उन्होंने तब कहा था कि पार्टी नहीं छोडूंगा। लवली के साथ कई और नेता भाजपा में शामिल हुए। अरविंदर सिंह लवली की भाजपा में यह दूसरी पारी है। 7 साल पहले भी वो बीजेपी में शामिल हो चुके थे। फिर वो बीजेपी से कांग्रेस में लौटे थे, अध्यक्ष भी बनाया गया था लेकिन एक बार फिर से टिकट वितरण से नाराज होकर बीजेपी में शामिल हो गए।
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ओडिशा की पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी सुचरिता मोहंती ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने अपना टिकट लौटाते हुए पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल को चिट्ठी लिखी है। इसमें सुचरिता ने चुनाव लड़ने के लिए फंड नहीं मिलने की बात कही है। पत्र में मोहंती ने लिखा है कि बिना पार्टी फंडिंग के चुनावी कैंपेन संभव नहीं होगा।
तो कुल मिलाकर अटक के पास की सूरत सीट हो या फिर कटक के पास की पुरी लोकसभा सीट इन दोनों जगहों पर अब कांग्रेस के उम्मीदवार चुनावी मैदान छोड़ चुके हैं। खजुराहो और इंदौर में भी कांग्रेस रेस से बाहर है। देखना होगा कि आखिरी चरण तक पहुंचते-पहुंचते कितने कांग्रेस उम्मीदवार पार्टी का साथ छोड़ते हैं