भोपाल: Lok Sabha Chunav 2024 ऐन चुनाव के बीच दिग्गज नेताओं के दलबदल ने पार्टी को तितर-बितर करके रख दिया है। कांग्रेस के रणनीतिकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी छोड़ने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है। कांग्रेस को इस वक्त जहां चुनावी रण में दमखम दिखाना है वो अपने कुनबे को बचाने की जद्दोजहद करती नजर आ रही है। कल मालवा की अहम सीट इंदौर से पार्टी प्रत्याशी अक्षय कांति के सियासी बम से जख्मी हुई कांग्रेस को आज ग्वालियर-चंबल के दिग्गज विधायक रामनिवास रावत ने बड़ा झटका दे दिया।
Read More: मस्जिद में बंदूक लेकर घुसा शख्स, छह नमाज़ियों को मारी गोली, मचा हड़कंप
Lok Sabha Chunav 2024 कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता मुकेश नायक का ये वक्तव्य ये बताने के लिए काफी है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस इस वक्त किस दौर से गुजर रही है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के झटके से पार्टी उबर भी नहीं पाई कि दलबदल ने उसकी हालत पस्त कर दी है। पिछले 3-4 महीने के दौरान करीब 20 हजार कांग्रेसी हाथ की साथ छोड़ चुके हैं।
ज्यादातर ने भाजपा का दामन थामा है। अब प्रदेश में तीसरे और चौथे दौर की चुनावी जंग से पहले कांग्रेस में और कितने विकेट गिरेंगे। ये सवाल इन दिनों सियासी गलियारे में चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस के रणनीतिकारों की तमाम कोशिशों के बावजूद पार्टी छोड़ने वालों की लिस्ट लंबी होती जा रही है.. वर्तमान विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद, संगठन में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे नेताओं के साथ ही नीचे से लेकर ऊपर तक कई नेता और कार्यकर्ता पार्टी को अलविदा कह चुके हैं। सबसे बड़ा झटका तब लगा जब इंदौर से प्रत्याशी बनाए गए अक्षय कांति बम ने ही पार्टी को गच्चा दे दिया और सबको हैरान कर दिया। कांग्रेसी इसे भाजपा दबाव पॉलिटिक्स का कारण बता रही है।
Read More: Board Result: हाईस्कूल एग्जाम में प्रियांशी रावत ने किया टॉप, मिले 500 में से 500 नंबर
एक के बाद मिल रहे झटकों से पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हताश हैं और अपनों से ही मिल रहे धोखे से गुस्से में भी हैं। और ये नाराजगी पार्टी के ही आला नेताओं के खिलाफ निकल रही है।
Read More: बिहार में राजद को बड़ा झटका! पूर्व सांसद रामा किशोर सिंह ने दिया इस्तीफा
जाहिर है चुनाव के वक्त जहां कांग्रेस को प्रचार के मैदान में दमखम लगाना है उस वक्त पार्टी अपने कुनबे को बचाने की जद्दोजहद में लगी है.. हालत ये हो गई है कि हर दिन इसी आशंका में गुजरता है कि आज कौन सा नेता पार्टी को दगा देगा । भाजपा जहां मिशन मोड में प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने की रणनीति पर काम कर रही है तो कांग्रेस हर बीतते दिन के साथ अपने बिखरते कुनबे को बचाने की चुनौती से जुझ रही है। ऐसे में कैसे कांग्रेस मैदान में लड़ेगी