रायसेन। कहते है कि ” जाको रखे सांइया,मार सके नो कोय” बाल न बाको कर सके,जो जग बैरी होय । ऐसा ही चमत्कार नवरात्रि में मां नर्मदा ने कर दिखाया है। सुनकर आश्चर्य भी होता है। नर्मदा नदी में गिरी 65 वर्षीय बृद्धा 18 घंटे तक 58 किलोमीटर बहती रही लेकिन मौत को नजदीक नहीं आने दिया। मां नर्मदा की गोद में रातभर मां नर्मदा की गोद में बहती रही। 18 घंटे तक पानी में रहकर जीवित रही बुजुर्ग महिला मिसाल बन गई। धैर्य और संयम से काम लें तो मौत भी दूर भाग जाती है यह कर दिखाया उस बुजुर्ग महिला ने। महिला बरमान में नवरात्रि पर वहीं कुछ दूसरी महिलाओं के साथ भजन पूजन करने आई थी और उसके साथ यह हादसा हो गया लेकिन जिसने भी सुना नर्मदा मैया का चमत्कार मां रहा है।
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रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम बोरास के नर्मदाघाट धरमपुरा पर स्न्नान कर रहे लोगों ने बहती हुई वृद्धा को पकड़ा और तत्काल इलाज के लिए उदयपुरा अस्पताल भेजा। कौन थी यह वृद्ध महिला और कहा से आई, जब महिला ने बताया तो लोगों को आश्चर्य हुआ तो मां की शक्ति की जय जय कार करने लगे। क्या है पूरी कहानी पुलिस और बृद्ध महिला ने बताई।
सागर जिले के सुरखी के ग्राम हनोताकला की 65 वर्ष से अधिक उम्र की बुजुर्ग महिला सुहागरानी 2 अक्टूबर रविवार को शाम 6-7 बजे नरसिंहपुर जिले के नर्मदाघाट वरमान में पानी भर रही थी सीढ़ियों से पैर स्लिप होने के बाद तेज धार में बहने लगी रात्रि में बहते हुए एक नोका बाले को आवाज दी लेकिन वह डरकर भाग गया। महिला रात भर सिर ऊपर कर बहती रही। कभी एक हाथ से तैरती तो कभी दूसरे हाथ से तैरती रही।
वृद्ध महिला का सहारा मां नर्मदा बनी रही और 58 किलोमीटर बहने के बाद रायसेन जिले के ग्राम बौरास के धरमपुरा घाट में बहते देख लोगों ने महिला को पकड़कर ऊपर लाये और महिला से पूछताछ की। तत्काल इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुरा भेजा। जहां इलाज के बाद महिला पूर्ण स्वस्थ्य हो गई। पुलिस ने महिला से पूछताछ कर संपर्क कर परिजनों को बुलाया। महिला का पति और बेटा और बेटियां भी आई। पुलिस भी इसे मा नर्मदा का चमत्कार मान रही और बुजुर्ग महिला को परिजनों के साथ उसके घर भेज दिया।