बच्चों के स्कूल बस्ते का भार होगा कम, बैग भारी मिलने पर स्कूल के खिलाफ होगी कार्रवाई

Childrens heavy school bag: भारी बैग से बच्चों में बढ़ रहे हड्डी रोग। बच्चों का बैग भारी मिलने पर स्कूल के खिलाफ होगी कार्रवाई।

  •  
  • Publish Date - July 1, 2022 / 01:47 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:50 PM IST

Childrens heavy school bag:भोपाल। बच्चों को जितना भार पढ़ाई का नहीं है उससे ज्यादा भार कंधों पर टंगे बैग का होता है। लेकिन क्या आप जानते है कि हर क्लास के बच्चे के बैग का वजन पहले से ही तय है, कोर्ट के आदेशानुसार तय वजन से ज्यादा भार मिलने पर कार्रवाई के भी निर्देश है। हाल ही में स्कूलों को नया सेशन शुरू हुआ है, और सुबह सुबह वजनी बस्ते के साथ बच्चें नज़र आते है। बस्ते के भार से बच्चों में हड्डियों से संबंधित बीमारियां भी बढ़ने लगी है।  जिसे लेकर प्राधिकरण पैरालीगल वॉलेंटियर अब स्कूलों में जा जाकर बैग के वजन की जांच करेंगे।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

ये भी पढ़े- Rath Yatra in Chhattisgarh : रायपुर में रथयात्रा की रौनक | जगन्नाथ मंदिर में CM Bhupesh ने की पूजा..

स्कूलों के खिलाफ होगी कार्रवाई

Childrens heavy school bag: पैरालीगल और स्कूलों के वॉलेंटियर अब स्कूलों में जाकर बच्चों के बस्ते को तौलेंगे। बस्ते के बोझ से बच्चों को हो रही शारीरिक और मानसिक समस्या का अध्ययन करके अपनी एक रिपोर्ट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को देंगे। प्राधिकरण पैरालीगल वॉलेंटियर (पीएलवी) के जरिए मॉनिटरिंग करेगा। सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों पर अमल नहीं करने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई भी करेगा। इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को भी निर्देश दिए गए हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद भी स्कूली बच्चों के बस्ते का बोझ कम नहीं होने पर प्राधिकरण ने ये निर्णय लिया है।

ये भी पढ़े- हैदराबाद के इन क्षेत्रों में धारा 144 लागू, भगवा रंग में रंगा शहर, जानिए क्यों?

सेहत पर असर डाल रहा भारी बैग

Childrens heavy school bag:भारी बस्तों की वजह से बच्चों में कमर दर्द और सर्वाइकल की समस्या हो रही है। बच्चा झुककर चलने लगता है। बच्चे के लिए अपने वजन से 10% से ज्यादा का बोझ नुकसानदेह है। स्कूल से आने-जाने के दौरान बच्चे की सांस फूले तो सतर्क होने की जरूरत है। उसके लंग्स पर असर हो सकता है। अगर बात की जाए बस्ते के वजन की तो उनका वजन नर्सरी से केजी टू तक 300 ग्राम, पहली से 5वीं तक 2 किलो, छठवीं से आठवीं तक 4 किलो, नवीं से 12वीं तक पांच किलो होना चाहिए। इससे ज्यादा वजन मिलने पर अब स्कूलों पर कार्रवाई की जाएगी। बैंग के वजन की सीधा असर बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है।