भोपाल: Laxman Singh on Rahul Gandhi सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X के मालिक एलोन मस्क ने जब से EVM के हैक किए जाने की संभावना जताई है तब से भारत के सियासी गलियारों में बवाल मचा हुआ है। एक ओर जहां राहुल गांधी सहित सभी विपक्षी दलों के नेता EVM पर सवालिया निशान लगा रहे हैं तो दूसरी ओर सत्ताधारी पार्टी के नेता EVM का बचाव करने में लगे हुए हैं। लेकिन इस बीच कांग्रेस नेता ने ही EVM को लेकर राहुल गांधी की नीयत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Laxman Singh on Rahul Gandhi राहुल गांधी की नीयत पर सवाल खड़े करने वाले नेता कोई और नहीं बल्कि मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के भाई पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह हैं। उन्होंने कहा है कि EVM पर प्रश्न खड़ा करना ठीक नहीं, ये कांग्रेस सरकार की ही देन है। सेंट्रल फोर्सेस की मौजूदगी में EvM में गड़बड़ी नहीं हो सकती है। केंद्र सरकार को गिराने की कोशिशों के बजाए कांग्रेस को मजबूत करना होगा। संगठन को मजबूत करने की मेरी नसीहतों पर आलाकमान कोई एक्शन नहीं ले रहा है, इसका मतलब मेरे सुझाव सही है।
NCERT की किताबों से दंगे और बाबरी मस्जिद शब्द हटाये जाने पर लक्ष्मण सिंह ने कहा कि इसपर किसी को क्यों आपत्ति है, ये सही है। बाबरी मस्जिद के बारे में हम क्यों अपने बच्चों को पाठ पढ़ाएं। ओवैसी की राजनीति केवल एक धर्म पर आधारित है, वो कोर्ट जाएं अगर घर गलत तरीके से तोड़े हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कहा था कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एक ‘‘ब्लैक बॉक्स’’ है, जिसकी जांच करने की किसी को इजाजत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर ‘‘गंभीर चिंताएं’’ जताई जा रही हैं। गांधी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘जब संस्थाओं में जवाबदेही ही नहीं होती तो लोकतंत्र दिखावा बन कर रह जाता है और धांधली की आशंका बढ़ जाती है।’’ इस पोस्ट के साथ गांधी ने एक खबर भी साझा कि जिसमें दावा किया गया कि मुंबई की उत्तर-पश्चिम लोकसभा सीट से 48 वोट से जीत दर्ज करने वाले शिवसेना के उम्मीदवार के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा फोन है जिससे ईवीएम में छेड़छाड़ संभव थी।
वहीं, मस्क ने अपनी पोस्ट में कहा था, ‘‘हमें ईवीएम को खत्म कर देना चाहिए। मुनष्यों या कृत्रिम मेधा (एआई) द्वारा हैक किए जाने का जोखिम, हालांकि छोटा है, फिर भी बहुत अधिक है।’’ विपक्षी दल पिछले कुछ समय से ईवीएम पर चिंता जताते रहे हैं और उसने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर ‘वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल’ (वीवीपैट) पर्चियों का शत प्रतिशत मिलान करने की अपील की की थी लेकिन अदालत ने इसे स्वीकार नहीं किया।