इंदौर, 30 अप्रैल (भाषा) अपने उम्मीदवार के ऐन मौके पर नाम वापस लेने से इंदौर में चुनावी दौड़ से बाहर हुई कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि वह इस लोकसभा सीट पर किसी भी उम्मीदवार को अपना समर्थन नहीं देगी।
प्रमुख विपक्षी दल ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए स्थानीय मतदाताओं से अपील भी की कि वे 13 मई को होने वाले चुनावों में भाजपा को ‘‘सबक सिखाएं।’’
इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने पार्टी को तगड़ा झटका देते हुए सोमवार (29 अप्रैल) को नामांकन वापसी के आखिरी दिन अपना पर्चा वापस ले लिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए। इसके साथ ही भाजपा का मजबूत गढ़ कही जाने वाली इस सीट पर कांग्रेस की चुनावी चुनौती समाप्त हो गई जहां वह पिछले 35 साल से जीत की बाट जोह रही है।
कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने बम के पालाबदल को लेकर इंदौर ‘प्रेस क्लब’ में संवाददाताओं से कहा, ‘‘इंदौर में भाजपा ने 29 अप्रैल को लोकतंत्र की हत्या करके देश के सबसे स्वच्छ शहर को सियासी रूप से सबसे ज्यादा प्रदूषित बना दिया है।’’
इंदौर, पटवारी का गृह क्षेत्र है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने तय किया है कि वह इंदौर लोकसभा क्षेत्र में किसी भी उम्मीदवार को अपना समर्थन नहीं देगी।
उन्होंने कहा, ‘‘इंदौर के मतदाताओं को भाजपा को सबक सिखाना चाहिए। अब यह चुनावी लड़ाई कांग्रेस की नहीं, बल्कि इंदौर के संस्कार और भाजपा के अहंकार के बीच है।’’
पटवारी ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरोसा रखने वाली कांग्रेस मतदाताओं से यह कतई नहीं कह रही है कि वे चुनावों का बहिष्कार करें, लेकिन भाजपा को सबक सिखाने के लिए उनके पास ‘‘नोटा’’ का भी विकल्प भी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा के खिलाफ मतदाताओं को जागरूक करने के लिए कांग्रेस इंदौर में अलग-अलग कार्यक्रम करेगी जिनमें मोमबत्ती जुलूसों और छोटी-बड़ी रैलियों का आयोजन शामिल हैं।
पटवारी ने कहा कि बम के भाजपा में शामिल हो जाने से वह शर्मिंदा हैं और इसका उन्हें दु:ख भी है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात नींद नहीं आई।
पटवारी ने इंदौर में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा भरने वाले वायुसेना के पूर्व कर्मी धर्मेन्द्र सिंह झाला की नाम वापसी के पीछे ‘‘साजिश’’ का आरोप लगाया और कहा कि भाजपा ने इस सीट के कई निर्दलीय प्रत्याशियों और उनके प्रस्तावकों पर नाम वापसी का दबाव बनाया।
श्योपुर जिले की विजयपुर सीट से छह बार के विधायक रामनिवास रावत के कांग्रेस छोड़ कर भाजपा में शामिल होने पर पटवारी ने कहा, ‘‘भगवान उनका (रावत का) भला करे और वह अपनी महत्वाकांक्षाएं पूरी करें। वह सम्मानित हों। अगर वह अपमानित होंगे, तो हमें इसका दु:ख होगा।’’
भाषा हर्ष खारी
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