IBC24 Janjatiya Pragya: सनातनियों को 4 संतान की ओर जाना पड़ेगा…क्या आपकी ये राय उचित है? नरोत्तम मिश्रा ने बताया क्यों है ये जरूरी
IBC24 Janjatiya Pragya: सनातनियों को 4 संतान की ओर जाना पड़ेगा...क्या आपकी ये राय उचित है? नरोत्तम मिश्रा ने बताया क्यों है ये जरूरी
IBC24 Janjatiya Pragya/Image Source: IBC24
- मध्यप्रदेश में मोहन सरकार के दो साल पूरे
- IBC24 महामंथन में पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा
- बच्चों के संस्कार और मोबाइल का सच बताया
IBC24 Janjatiya Pragya: मध्यप्रदेश सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर IBC24 द्वारा आयोजित विशेष कार्यक्रम “जनजातीय प्रज्ञा” का आगाज़ आज दोपहर 2 बजे राजधानी भोपाल में हुआ। इस महत्वपूर्ण मंच पर राज्य सरकार की जनहितैषी योजनाओं, अब तक की उपलब्धियों, और आगे की कार्ययोजना पर विस्तृत संवाद किया जा रहा है। महामंथन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित प्रदेश की कई बड़ी हस्तियाँ शिरकत कर रही हैं।
मध्य प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बच्चों में संस्कार और देश की सनातन संस्कृति को बनाए रखने के महत्व पर बात की। उन्होंने कहा कि यदि हम बच्चों को समय पर सही संस्कार नहीं देंगे तो आने वाली पीढ़ी हमारी संस्कृति और मूल्यों से कट जाएगी। मिश्रा ने कहा कि सोशल मीडिया और मोबाइल दोनों ही एक तरह से दोधारी तलवार हैं। यह अमृत भी है और जहर भी उन्होंने कहा। उनका कहना था कि बच्चों में मोबाइल और टीवी के उपयोग को नियंत्रित करना जरूरी है। वे बताते हैं कि जब बच्चे मैदान और खेल-कूद से कटते हैं और टीवी या मोबाइल पर समय ज्यादा बिताते हैं, तो उनकी मानसिक विकास प्रक्रिया प्रभावित होती है। बच्चा टीवी सीरियल देखकर ऐड तक याद रखता है, लेकिन हमारे महान व्यक्तित्व और संस्कार उससे दूर हो जाते हैं।
IBC24 Janjatiya Pragya: उन्होंने यह भी कहा कि आज के समय में बच्चों को केवल माता-पिता पर भरोसा रखना पर्याप्त नहीं है क्योंकि माता-पिता अक्सर काम के कारण बच्चों के पास समय नहीं दे पाते। इसलिए बच्चों में संस्कार और संस्कृति के मूल्य देने की जिम्मेदारी समाज और परिवार दोनों की है। पूर्व मंत्री ने भारत की इतिहासिक संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि मुगलों, हूणों और अन्य आक्रांताओं के बावजूद हमारी संस्कृति और संस्कारों के कारण भारत हमेशा खड़ा रहा। उन्होंने सनातन धर्म को देश और संस्कृति की रक्षा के लिए आवश्यक बताया। इसके अलावा मिश्रा ने पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा निकाली गई सनातन एकता यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि संतों की सलाह और आशीर्वाद लेना समाज के लिए लाभकारी है। उन्होंने चार संतान वाली नीति को लेकर संतों की राय का सम्मान किया लेकिन स्पष्ट किया कि यह केवल एक तरीका है और विकल्प मौजूद हैं।

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