Nishank Rathore’s death revealed: भोपाल। राजधानी भोपाल के बीटेक स्टूडेंट निशांक राठौर की मौत पर बड़ा खुलासा हुआ है। निशांक की मौत ट्रेन से पैर कटने के बाद हैवी ब्लीडिंग से हुई थी। ट्रेन के नीचे आने के बाद वो पहियों में फंसकर 5 से 7 फीट तक घिसटा भी था। इससे उसके उसके पेट और पीठ पर खरोंच के निशान बने, लेकिन पसलियों और पेट के अंदरूनी अंगों में भी ब्लीडिंग हो गई। इसके बाद वो शॉक में चला गया और कुछ मिनटों में ही उसकी मौत हो गई।
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Nishank Rathore’s death revealed: ये बात पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आई है। जिसे एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस) भोपाल के फोरेंसिक एक्सपर्ट ने तैयार किया है। इस केस की जांच कर रहे एसआइटी के अफसर ने बताया कि निशांक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट शनिवार को मिली। छात्र की मौत की वजह शरीर के वाइटल ऑर्गन (पसली, लिवर, स्पिलन, किडनी) में चोट और पैर से हैवी ब्लीडिंग होना बताई गई है। साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि छात्र के शरीर पर किसी रस्सी या तार से बांधे जाने के निशान नहीं मिले हैं।
Nishank Rathore’s death revealed: गौरतलब है कि निशांक का शव औबेदुल्लागंज के बरखेड़ा के पास रेलवे ट्रैक पर मिला था। जांच कर रहे अफसरों ने अनौपचारिक तौर पर बताया कि सिर तन से जुदा…वाला मैसेज भी निशांक ने खुद ही मोबाइल में इंटरनेट पर सर्च किया था। ये कोट, छात्र ने कई बार सर्च किया था। इसका खुलासा छात्र के मोबाइल की फॉरेसिंक जांच रिपोर्ट में हुआ है। मोबाइल निशांक ही ऑपरेट कर रहा था? इसकी पुष्टि मोबाइल के स्क्रीन लॉक को खोलने की जांच में हुई है। मोबाइल का लॉक, निशंक के फिंगर प्रिंट से ही खोला गया था, जो कि मोबाइल के घटना के पहले और घटना के समय छात्र के ही पास होने की पुष्टि कर रहा है।
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