MP Nigam Mandal: मध्यप्रदेश में कौन बनेगा ‘माननीय’? निगम-मंडलों में नियुक्ति को लेकर मंथन का दौर जारी, दिल्ली तक एप्रोच लगा रहे कई नेता
मध्यप्रदेश में कौन बनेगा 'माननीय'? निगम-मंडलों में नियुक्ति को मंथन का दौर, Discussion till Delhi regarding appointment in corporations and boards
MP BJP Latest News. Image Source : IBC24 Archive
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शिवराज सरकार की नियुक्तियां की थीं रद्द
- दिल्ली तक दावेदारों की एप्रोच – कई नेता केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच बना चुके हैं
- नए चेहरों को प्राथमिकता – संगठन अब युवा, योग्य और सक्रिय नेताओं को मौका देना चाहता है
भोपालः MP Nigam Mandal: मध्यप्रदेश में निगम मंडल आयोग प्राधिकरणों में राजनीतिक नियुक्तियां को लेकर दिल्ली हाई कमान से लेकर प्रदेश स्तर तक मंथन का दौर चल रहा है, लेकिन दावेदारों ने निगम-मंडलों,आयोग, प्राधिकरणों में होने वाली नियुक्तियों में एक अनार सौ बीमार की स्थिति बना दी है। इन राजनीतिक नियुक्तियां के लिए दावेदारों ने जोर-शोर से अपनी दावेदारी पेश करनी शुरू कर दी है। कई दावेदार प्रदेश सहित केंद्रीय नेताओं के सामने भी अपनी बात रख चुके हैं।
MP Nigam Mandal: पार्टी सूत्रों का कहना है कि पूर्व में जिन्हें दर्जा मंत्री पद देकर उपकृत किया जा चुका है, उनके स्थान पर पार्टी अब नए और योग्य चेहरों को मौका देने का विचार कर रही है। संगठन में मंत्री रहे नेता भी सत्ता-संगठन में अपने लिए जवाबदारी देने का आग्रह कर रहे हैं। महत्वपूर्ण नियुक्ति के लिए ये दिल्ली तक एप्रोच कर रहे हैं। संगठन मंत्री के बाद निगम-मंडलों की कमान संभाल चुके पार्टी के ये दिग्गज संघ पृष्ठभूमि से भी रहे हैं। इनमें शैलेंद्र बरुआ- पाठ्य पुस्तक निगम, आशुतोष तिवारी- हाउसिंग बोर्ड, जितेंद्र लिटोरिया-खादी ग्रामोद्योग, विजय दुबे-मेला प्राधिकरण, तपन भौमिक-पर्यटन निगम और जयपाल चावड़ा इंदौर विकास प्राधिकरण की कमान संभाल चुके हैं। श्याम महाजन और केशव भदौरिया भाजपा कार्यकारिणी में प्रदेश उपाध्यक्ष और प्रदेश मंत्री रहे हैं, लेकिन अब फिर यह नेता अपनी दावेदारी जता रहे है।
उधर संगठन चाहता है निगम-मंडलों,आयोग, प्राधिकरणों में नेताओं को एडजस्ट करने में योग्यता,नए चेहरे प्रमुख क्राइटेरिया होना चाहिए। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने लोकसभा चुनाव के पहले निगम-मंडलों,प्राधिकरण और आयोगों में पूर्व शिवराज सरकार सरकार द्वारा की गई नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। विपक्ष का कहना है बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं है।

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