जबलपुर में बुजुर्ग दंपति को किया गया डिजिटल अरेस्ट, चार दिन बाद पुलिस ने छुड़ाया
जबलपुर में बुजुर्ग दंपति को किया गया डिजिटल अरेस्ट, चार दिन बाद पुलिस ने छुड़ाया
जबलपुर, नौ दिसंबर (भाषा) जबलपुर में स्कूल की एक सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य और उनके पति को उनके ही घर में साइबर जालसाजों ने खुद को आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) का अधिकारी बताकर चार दिन तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ करके रखा। हालांकि, पुलिस उन्हें छुड़ाने में सफल हुई। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जालसाजों में से एक ने बुजुर्ग महिला को किसी काम के लिए बैंक भेजा और वह वहां एक परिचित वकील को मामले के बारे में सूचित करने में कामयाब रही।
इसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी-क्राइम ब्रांच) जितेंद्र सिंह घमपुर इलाके में दंपति के घर पहुंचे और उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी से बचाया।
उन्होंने बताया कि छह दिसंबर को एक व्यक्ति ने खुद को एटीएस अधिकारी बताकर दंपति से कहा कि उनके संबंध एक ‘आतंकवादी’ के साथ हैं और उनके बैंक खाते के माध्यम से 70 करोड़ रुपये का धन शोधन किया गया है तथा उन्हें कमीशन के रूप में 70 लाख रुपये मिले हैं।
एएसपी के अनुसार, फोन करने वाले ने दोनों को यह भी बताया कि उनके नाम पर पंजीकृत सिम कार्ड का उपयोग करके देश के बारे में गोपनीय जानकारी विदेश भेजी जा रही है।
सिंह ने बताया कि फोन करने वाले ने दंपति से उनके परिवार के सदस्यों, मोबाइल फोन, आधार कार्ड, बैंक खातों और एफडी के बारे में जानकारी मांगी।
उन्होंने कहा कि इसके बाद आरोपियों ने उन्हें एक लिंक के जरिए भेजे गए ऐप को डाउनलोड करने के लिए कहा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि उसने दंपति को चार दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा।
उन्होंने कहा, ‘जालसाज ने मंगलवार दोपहर महिला को किसी काम के लिए बैंक भेज दिया। घर से निकलने के बाद, महिला ने एक वकील को अपनी स्थिति के बारे में सूचित किया और बाद में पुलिस को बुलाया गया।’
एएसपी ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
यह अभी पता नहीं चल सका है कि दंपति ने अपनी डिजिटल गिरफ्तारी के दौरान घोटालेबाजों को कोई पैसा हस्तांतरित किया था या नहीं।
भाषा सं ब्रजेन्द्र शोभना
शोभना

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