शह मात The Big Debate: मदरसा में नकली नोट.. शिक्षा केंद्र या ‘टेरर’ फैक्ट्री? मध्य प्रदेश में बार-बार क्यों हो रही देश विरोधी घटनाएं?

मदरसा में नकली नोट.. शिक्षा केंद्र या 'टेरर' फैक्ट्री? Fake currency notes worth Rs 20 lakh found in the room of the Imam in the Madrasa

शह मात The Big Debate: मदरसा में नकली नोट.. शिक्षा केंद्र या ‘टेरर’ फैक्ट्री? मध्य प्रदेश में बार-बार क्यों हो रही देश विरोधी घटनाएं?
Modified Date: November 4, 2025 / 12:24 am IST
Published Date: November 3, 2025 11:33 pm IST

खंडवाः MP News मध्य प्रदेश खंडवा के एक मदरसे में इमाम के कमरे से 20 लाख रुपए के नकली नोट मिले। इसके बाद कई सवाल उठने लगे। मसलन ये कि 20 लाख रुपए के नकली नोट प्रदेश में आए कैसे ? मदरसे के इमाम के कमरे में कैसे पहुंचे? क्या सिंडिकेट बनाकर जरिए नकली नोटों की सप्लाई की जा रही है ? क्या इसका आतंकवाद से कोई कनेक्शन है ? सवाल ये भी है कि सालों तक सिमी का गढ़ रहा खंडवा और बुरहानपुर का एक बार फिर से अवैध गतिविधियों के लिए सुर्खियों में आना क्या सिस्टम का फेलियर नहीं है? सवाल ये भी है कि क्या मदरसों से इतनी बड़ी मात्रा में नकली नोट मिलने के बाद मदरसों की जांच नहीं होनी चाहिए।

MP News  खंडवा जिले के एक मदरसे में 19 लाख 78 हजार के नकली नोट मिलने के बाद पुलिस एक्शन में है। मामले में SIT का गठन हो चुका है, जिसमें ASP, डीएसपी और जावर थाना प्रभारी शामिल हैं। आरोपी फिलहाल पुलिस कस्टडी में है. तो दूसरी तरफ मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। विश्व हिंदू परिषद ने प्रदेश के सभी मदरसों की व्यापक जांच की मांग की है। साथ ही आरोप लगाया कि लव जिहाद और अन्य गतिविधियों के लिए फंडिंग की जा रही है।

मामले में सियासत भी शुरू

मदरसे से मिले नकली नोट मामले में सियासत भी शुरु हो गई है। बीजेपी के मुताबिक मदरसे देश विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनते जा रहे हैं तो कांग्रेस इसे डबल इंजन सरकार का फेलियर बता रही। सियासी आरोप प्रत्यारोप से इतर पूरे प्रकरण को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि क्या खंडवा के मदरसों मे देश विरोधी षड्यंत्र रचा जा रहा है? जो नकली नोट मिले है उसका टेरर कनेक्शन है? सवाल ये भी कि नकली नोटों का मिलने के बाद क्या जांच के दायरे में आएंगे मदरसे?

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।