ग्वालियर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ (High Court Gwalior Bench) ने जांच में लापरवाही बरतने पर एक थाना प्रभारी को जमकर फटकार लगाई है। हाईकोर्ट ने यहां तक कह दिया कि तुम्हें पोस्ट पर रहने का अधिकार नहीं है। हाईकोर्ट में लापता महिला के मामले की सुनवाई चल रही थी। हाईकोर्ट ने थाना प्रभारी से कहा- एक बेटी गायब है जांच के नाम पर केवल ससुरालीजन और परिजनों के बयान दर्ज कराए हैं। तुम्हें पोस्ट पर रहने का अधिकार नहीं है एक काम करते हैं। तुम्हें फिर से कांस्टेबल बना देते हैं बड़े साहब के घर में सेवाएं देना।
हाईकोर्ट ने कहा सोमवार को महिला पेश नहीं हुई तो परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना। 20 सितंबर 2023 को सबलगढ़ से सोनम शर्मा लापता हुई थी। सोनम के पिता ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने थाना प्रभारी को अल्टीमेटम दिया है। महिला को सोमवार तक पेश करने का अल्टीमेटम दिया है। दरअसल हाईकोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई करते हुए सबलगढ़ पुलिस थाने के प्रभारी रामनरेश यादव को फटकार लगाई है।
कोर्ट ने कहा कि क्या आपके घर की बेटी होती तो भी ऐसी ही जांच करते। आपको बता दें कि बृजमोहन शुक्ला ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। याचिका में तर्क दिया कि उनकी बेटी का विवाह छह साल पहले भानू प्रकाश से हुआ था। 18 सितंबर 2023 को सोनम पति के साथ मायके पहुंची थी। सोनम के साथ 19 सितंबर को मारपीट की गई। 20 सितंबर को पति सोनम को अपने साथ मोटर साइकिल पर लेकर गया था। इससे बाद से सोनम लापता है। पति ने ही थाने में सोनम की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। वहीं पुलिस की ओर से कोर्ट में बताया कि पति से पूछताछ की, लेकिन उससे कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।
कोर्ट ने पुलिस को आदेश दिया था कि महिला संदेहास्पद स्थिति में गायब हुई है। इस मामले में उसके पति से भी कड़ाई से पूछताछ होना चाहिए। क्योंकि उसे पति भानू प्रकाश शर्मा के साथ आखिरी बार देखा गया था। कोर्ट ने आदेश दिया कि युवती की तलाश की जाए और जांच अधिकारी न्यायालय में मौजूद रहे।