शह मात The Big Debate: इज्तिमा के बहाने घमासान..फिर एक बार हिंदू-मुसलमान! क्या इज्तिमा की निगरानी की मांग जायज है?
MP News: इज्तिमा के बहाने घमासान..फिर एक बार हिंदू-मुसलमान! क्या इज्तिमा की निगरानी की मांग जायज है?
MP News | Photo Credit: IBC24
- भोपाल में 14 से 17 नवंबर तक होगा 78वां आलमी तबलीगी इज्तिमा
- हिंदू संगठनों ने सुरक्षा और संदिग्ध गतिविधियों को लेकर जताई शंका
- बीजेपी-कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप
भोपाल: MP News मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तबलीगी जमात के 14 से 17 नवंबर तक आयोजित होने वाले 78 वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा को लेकर मध्यप्रदेश में बवाल खड़ा हो गया है। इस आयोजन में पाकिस्तान, बांग्लादेश समेत करीब 40 देशों के 10 लाख से अधिक लोगों के शामिल होने के आसार हैं, लेकिन इज्तिमा के आयोजन के दौरान हिंदू संगठनों और संतों ने देश की सुरक्षा को लेकर अपनी शंकाएं जताई हैं और सरकार से मांग की है कि- आने वाले लोगों की विधिवत जांच हो। कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग सार्वजनिक की जाए और आरोप लगाए कि इज्तिमा की आड़ में देश विरोधी गतिविधियां होती हैं। दुश्मन देशों के लोग भी शामिल होते हैं।
MP News जहां संतों और हिंदू संगठनों ने इज्तिमा को लेकर आरोपों के तीर चलाए, तो सूबेे की सियासत भी गरमा गई। कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर हिंदू-मुस्लिम करने के आरोप मढ़े और सवाल पूछा कि-क्या डबल इंजन सरकार में प्रशासन सही से काम नहीं कर रहा है, तो बीजेपी ने हिंदू संगठनों की मांग का समर्थन करते हुए रिकॉर्डिंग और जांच को देश की सुरक्षा के लिए जायज ठहराया।
कुलमिलाकर भोपाल में होने वाले विशाल इज्तिमा को लेकर सूबे में बयानबाजियों का दौर शुरु है, लेकिन सवाल ये है कि- ऐन वक्त पर हिंदू संगठनों की शंकाएं क्यों? क्या संतों के आरोपों के हिसाब से इस दौरान कोई संदिग्ध गतिविधियां होती हैं? क्या इज्तिमा में पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भी आएंगे? क्या प्रशासन सुरक्षा के मद्देनजर पूरी तरह तैयार है? और सवाल ये भी कि- क्या विदेशों से बड़ी संख्या में लोगों का शामिल होना सुरक्षा के लिए खतरा है?

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