खरगोन। शहर के करीब डेढ़ लाख आबादी की प्यास बुझाने वाली जीवन दायिनी कुंदा नदी वर्षों से अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है। गर्मी के दिनो मे कुंदा नदी पूरी तरह से सूख चुकी है, जिससे एक विशाल नदी पोखरों में तब्दील नजर आ रही है। भगवानपुरा के आदिवासी इलाके के वन्नांचल से निकलने वाली कुंदा नदी में स्थानीय जिला प्रशासन और नगर पालिका खरगोन द्वारा नाव चलाने के लोगों को सपने दिखाए थे, लेकिन गर्मी आते ही कुंदा नदी के अस्तित्व पर ही सवाल खड़े किए जाते है।
अगर जल प्रदाय की बात की जाए तो खरगोन शहर में कई वर्षों से पेयजल संकट के चलते एक दिन छोड़कर पानी सप्लाई किया जाता है। कुंदा नदी में हर वर्ष सफाई अभियान के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए जाते है, लेकिन जीवन दायिनी कुंदा नदी की हालत जस की तस बनी हुई है। IBC24 से शशिकांत शर्मा की रिपोर्ट
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