मप्र : लाड़ली बहना योजना को लेकर विजय शाह के बयान पर विवाद, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
मप्र : लाड़ली बहना योजना को लेकर विजय शाह के बयान पर विवाद, कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा
रतलाम/भोपाल/इंदौर, 14 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तीकरण के लिए संचालित ‘लाड़ली बहना योजना’ की हितग्राहियों की जांच को लेकर काबीना मंत्री विजय शाह के कथित बयान पर विवाद उत्पन्न हो गया, जिसके बाद कांग्रेस ने उनके इस्तीफे की मांग की।
रतलाम में शनिवार को जिला विकास सलाहकार समिति की बैठक के दौरान शाह ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों व अधिकारियों से चर्चा में कथित तौर पर इस आशय का बयान दिया था कि जिले में लाड़ली बहना योजना की महिला हितग्राही मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रस्तावित सम्मान समारोह में आएंगी, तो योजना के तहत उनकी मासिक सहायता राशि में 250 रुपये बढ़ा दिए जाएंगे, वरना उनकी जांच ‘पेंडिंग’ (लंबित) करा दी जाएगी।
शाह ने बैठक में खुद यह प्रस्ताव रखा कि नए साल में लाड़ली बहना योजना की हितग्राहियों की ओर से रतलाम में मुख्यमंत्री का सम्मान समारोह आयोजित किया जाए और इस पर चर्चा की शुरुआत की थी।
प्रदेश मंत्रिमंडल में जनजातीय कार्य विभाग, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग संभाल रहे शाह, रतलाम के प्रभारी मंत्री हैं।
शाह की इस कथित टिप्पणी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रहा है।
वीडियो में वह महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी से कहते हुए सुने जा सकते हैं कि जिले में ढाई लाख लाड़ली बहने हैं और मुख्यमंत्री के रूप में मोहन यादव ने दो साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है।
उन्होंने कहा, ‘ढाई लाख में से 50,000 तो आएं! सरकार 1500 रुपये के हिसाब से करोड़ों रुपये दे रही है तो दो साल में एक बार धन्यवाद तो बनता है। भोजन हम करा देंगे। जो नहीं आएंगी फिर देखते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘जिनके 250-250 बढ़ रहे हैं, उनकी जांच करेंगे। किसी का आधार लिंक नहीं है तो जांच थोड़ी ‘पेंडिंग’ कर देंगे।’
कांग्रेस ने उनकी इस टिप्पणी के लिए मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधा और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में यदि थोड़ी सी भी ‘शर्म और नैतिकता’ बची है तो उसे तुरंत शाह का इस्तीफा लेना चाहिए।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि जिन लाड़ली बहनों का भाजपा को सम्मान करना चाहिए, वहां उन्हें भाजपा के ‘लाड़ले मंत्री’ अपमानित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘पहले देश की गौरव कर्नल सोफिया कुरैशी पर ओछी टिप्पणी और अब प्रदेश की माता बहनों को धमकी, यह भाजपा की कुंठित और महिला विरोधी मानसिकता का साफ प्रमाण है।’
पटवारी ने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव की चुप्पी इस पूरे अपमान पर मुहर लगाने जैसा है।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टैग करते हुए सवाल किया कि क्या आपकी पार्टी में महिला अपमान ही आगे बढ़ने का रास्ता बन चुका है।
पटवारी ने कहा, ‘जो मंत्री पहले देश की सेना और अब प्रदेश की करोड़ों बहनों का अपमान कर रहे हैं, उन्हें सरकार में बने रहने का कोई अधिकार नहीं। भाजपा में यदि थोड़ी सी भी शर्म और नैतिकता बची है, तो तुरंत इनका इस्तीफा लिया जाए।’
बयान पर विवाद उत्पन्न होने के बाद शाह ने रविवार को सफाई दी।
उन्होंने इंदौर में ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। मैं इस बयान को लेकर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों का खंडन करता हूं। प्रदेश सरकार महिला सशक्तीकरण के लिए लगातार प्रयास कर रही है ताकि हमारी बहनों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके। इसलिए इनके प्रति हमारे दिल में किसी दुर्भावना का सवाल ही नहीं उठता।’’
शाह ने कहा, ‘‘मुझे जानकारी मिली थी कि कुछ अपात्र बहनें भी लाड़ली बहना योजना का लाभ ले रही हैं जिससे लोगों में नाराजगी है। हम लोगों ने अनौपचारिक बैठक में यह बात की थी कि इस योजना का लाभ केवल पात्र बहनों को मिलना चाहिए और अपात्र हितग्राहियों का निराकरण किया जाना चाहिए।’’
मार्च 2023 से 1000 रुपये मासिक आर्थिक सहायता राशि के साथ लाड़ली बहना योजना प्रारंभ की गई थी। सितंबर 2023 से 1,250 रुपये मासिक आर्थिक सहायता दी जा रही थी। इसके बाद इस योजना में 250 रुपये की वृद्धि कर नवंबर 2025 से 1500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता दिए जाने की स्वीकृति दी गयी है।
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि इस योजना ने पिछले विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
भाषा ब्रजेन्द्र नोमान
नोमान

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