Forest department did not give wages to the laborers by going against the rules
Forest department did such work against the rules: नरसिंहपुर। वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जहां वृक्षारोपण के गड्ढे कराने के लिए नियम के विरुद्ध जाकर जिले के मजदूरों से काम ना करवा कर उमरिया जिले से मजदूरों को बुलाया गया। इतना ही नहीं गोटेगांव के लाटगंव पिपरिया में बिना मजदूरी दिए ही डेढ़ माह तक काम कराने के बाद ही उन्हें भुगतान नहीं किया गया, जिसके चलते मजदूर परिवार 10 दिनों से दर-बदर भटकने को मजबूर हैं।
मजदूरों की जब कहीं उनकी सुनवाई नहीं हुई तो उन्होंने लाटगांव पिपरिया से देर रात्रि आकर कलेक्ट्रेट में डेरा डाल दिया और जब तक भुगतान नहीं होता तब तक यही डेरा जमाने की बात कही, जिससे वन विभाग में हड़कंप की स्थिति मची हुई है। आनन-फानन में रात्रि में ही वन विभाग के अधिकारियों को भेजकर मामले को दबाने का प्रयास किया गया। हालांकि, मीडिया के सामने वन विभाग के अधिकारी यह मान रहे हैं कि वृक्षारोपण के गड्ढे का काम जिले के मजदूरों से कराने का नियम है और मनरेगा के तहत यह कार्य कर आना जाना था।
मजदूरों की कमी के चलते उन्हें बाहर जिले से मजदूर बुलाना पड़, लेकिन भुगतान में विलंब होने को लेकर अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं। हालांकि मीडिया में बात पहुंचने के बाद वन विभाग रात्रि में ही भुगतान की बात कह रहा है। मजदूरों के मुताबिक ढाई लाख रुपए वन विभाग पर बकाया है और 10 दिनों से बिना काम किए वह अपनी मजदूरी पाने भटक रहे थे। जब सुनवाई नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें कलेक्ट्रेट में आकर डेरा डालना पड़ा।