MP OBC Reservation: अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलेगा 27 प्रतिशत आरक्षण? इस दिन से सुप्रीम कोर्ट में रोज होगी सुनवाई, सभी पक्षों को दस्तावेजों के साथ तैयार रहने के निर्देश

अन्य पिछड़ा वर्ग को मिलेगा 27 प्रतिशत आरक्षण? Other Backward Classes will get 27 percent reservation in Madhya Pradesh?

  • Reported By: Vijendra Pandey

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  • Publish Date - September 24, 2025 / 05:29 PM IST,
    Updated On - September 25, 2025 / 12:26 AM IST

नई दिल्ली/जबलपुर: MP OBC Reservation: मध्यप्रदेश में ओबीसी वर्ग को 27% आरक्षण देने के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। आरक्षण को लेकर चल रही यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच सकती है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह मामला ‘टॉप ऑफ द बोर्ड’ श्रेणी में सूचीबद्ध रहेगा। इसका मतलब है कि रोजाना सुनवाई होगी और तब तक जारी रहेगी, जब तक कि अंतिम निर्णय नहीं हो जाता। वहीं कोर्ट एमपी के 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण छत्तीसगढ़ के आरक्षण मामले से अलग कर दिया है।

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MP OBC Reservation: दरअसल, छत्तीसगढ़ में अनूसूचित जनजाति का आरक्षण बढ़ाने के मामले के साथ एमपी के ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई की जा रही थी, लेकिन दोनों मामलों में भिन्नता थी। मुख्य आधार ये था कि छत्तीसगढ़ के 32 फीसदी एसटी आरक्षण को बिलासपुर हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया था जिसके खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार को एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली हुई है। वहीं एमपी के ओबीसी आरक्षण को जबलपुर हाईकोर्ट ने रद्द नहीं किया है, सिर्फ कुछ भर्तियों में बढ़ा हुआ ओबीसी आरक्षण देने पर अंतरिम रोक लगाई है। आज हुई सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर वेंकटरमणी ने पक्ष रखा। सरकार की मांग पर कोर्ट ने एमपी के ओबीसी आरक्षण पर अलग से सुनवाई करने की व्यवस्था दी है। इधर सुनवाई के दौरान ओबीसी आरक्षण से जुड़े 15 हज़ार के ज्यादा दस्तावेज पेनड्राईव में पेश किए जिनके अध्ययन के लिए वकीलों की ओर से वक्त की मांग की गई।

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8 अक्टूबर से मामले की अंतिम सुनवाई

ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्टूबर से मामले की अंतिम सुनवाई तय कर दी है। सु्प्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि सभी पक्ष दस्तावेजों के अध्ययन के साथ ज़िरह के लिए तैयार रहें, क्योंकि 8 अक्टूबर से एमपी के ओबीसी आरक्षण मामले पर रोज़ाना टॉप ऑफ द बोर्ड सुनवाई की जाएगी। आज सुप्रीम कोर्ट ने एक बार साफ किया है कि वो 6 साल से लंबित इस मामले में अब कोई नया अंतरिम आदेश नहीं देगी बल्कि फायनल हिंयरिंग के बाद अपना फैसला सुनाएगी।