Political Parties will Change Strategy for 2023 after BJP Gots Big Majority

चुनावी नतीजे…MP पर असर! 5 राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद 2023 के लिए दलों की रणनीति में होगा बदलाव?

2023 के लिए दलों की रणनीति में होगा बदलाव? Political Parties will Change Strategy for 2023 after BJP Gots Big Majority in 4 States

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : March 11, 2022/10:52 pm IST

भोपाल: Bhopal Election Strategy 2023 देश में पांच राज्यों के चुनाव परिणाम ने साबित कर दिया है कि हिंदी पट्टी के आम वोटर का मोदी पर भरोसा आठ साल बाद भी जस का तस कायम है। जन धन योजना से लेकर मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के जरिये गरीब, संसाधनहीन आबादी को लाभार्थी वर्ग में तब्दील करके एक बड़ी संख्या वाला वफादार वोटर समुदाय खड़ा करने का काम उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीजेपी की दोबारा जीत का आधार बना है। महिला वोटर के इसमें अतिरिक्त जुड़ाव ने जीत को मजबूती दी है।पर चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा जात -पात की राजनीति को किनारा कर राष्ट्रवाद का अहम मुद्दा रहा , उत्तप्रदेश चुनाव में समाजवादी पार्टी मुश्लिम कार्ड और बीएसपी के कार्ड मुकबाले बीजेपी का हिंदुत्व और राष्ट्रवाद भारी पड़ा यानी अब देश में केवल जातिवादी राजनीति को धर्म की सियासत के आगे जनता नकार रही है ! ये वो मुद्दे है जिनका असर आने वाले दूसरे राज्यों में पड़ेगा।

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Strategy for 2023 साल 2022 में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से चार में भाजपा की जीत ने भाजपा खेमें में जबरदस्त उत्साह ला दिया है। यूपी समेत 4 राज्यों के नतीजों से मध्यप्रदेश की सियासत भी अछूती नहीं है। समय-समय पर अपनी हिंदुत्व की छवि को मजूबत करने वाली भाजपा अब प्रदेश में इस छवि को और तेजी से उभारने में जुट सकती है। पांचों राज्यों में कांग्रेस की करारी हार ने पार्टी को फिर बड़ा झटका दिया है। प्रदेश में भी कांग्रेस का मुकाबला सीधे-सीधे बीजेपी से है। यहां कांग्रेस के पास नेता और मुद्दे दोनों हैं लेकिन हिंदुत्व की काट और गुटबाजी पर कंट्रोल नहीं है। इधर, कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी भी पंजाब में आम आदमी की सुनामी के बाद मध्य प्रदेश में आप की मौजूदगी को लेकर चौकन्ना हो गई है।

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पंजाब के नतीजों से उत्साहित आम आदमी पार्टी भी अब 2023 में प्रदेश में पूरा दम लगाने का दावा करती है। कुल मिलाकर चुनौतियां किसी भी दल के लिए कम नहीं हैं। कांग्रेस के सामने विरोधियों के साथ-साथ अपनों की खींचतान सबसे बड़ी चुनौती है। वहीं आप प्रदेश में तीसरी ताकत बनने की तैयारी में है जिसे अब भाजपा हल्के में लेना नहीं चाहेगी। ये भी तय है कि अगला चुनाव हिंदुत्व के मुद्दों के साथ पीएम मोदी के चेहरे और शिवराज सरकार की उपलब्धियों को आधार बनाकर ही लड़ा जाएगा। दिलचस्प होगा ये देखना कि 5 राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद प्रदेश में 2023 के लिए दलों की रणनीति में क्या-क्या बदलाव होता है?

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