शराबबंदी मामला: उमा भारती ने कहा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अब मुझसे बातचीत नहीं कर रहे |

शराबबंदी मामला: उमा भारती ने कहा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अब मुझसे बातचीत नहीं कर रहे

शराबबंदी मामला: उमा भारती ने कहा, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर अब मुझसे बातचीत नहीं कर रहे

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : April 4, 2022/5:34 pm IST

भोपाल, चार अप्रैल (भाषा) मध्य प्रदेश सरकार की शराब नीति का विरोध कर रहीं वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती ने सोमवार को कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब उनसे इस मुद्दे पर बातचीत नहीं कर रहे हैं।

उमा ने कहा, ”मुख्यमंत्री ने पिछले दो साल के दौरान हर मुलाकात में मुझसे शराबबंदी पर बात की है, लेकिन जब बात सामने आ गई, तो उन्होंने मुझसे बातचीत करना बंद कर दिया है।”

उमा ने सिलसिलेवार ट्वीट कर मांग उठायी कि प्रदेश में अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था तुरंत बंद की जाए और स्कूल, अस्पताल, मंदिर एवं अन्य निषिद्ध स्थानों के पास भी शराब की दुकानें बंद हों। इसके अलावा, उन्होंने मांग की कि प्रदेश में घर-घर शराब पहुंचाने की व्यवस्था पर तुरंत रोक लगे।

चौहान को अपना बड़ा भाई बताते हुए उमा भारती ने कहा कि उनके साथ वर्ष 1984 से मार्च 2022 तक सम्मान एवं स्नेह के संबंध बने रहे। उन्होंने कहा, ”वह अपने कार्यालय जाते समय या मेरे हिमालय प्रवास के समय या मेरे किसी भजन का स्मरण आने पर या तो मुझसे मिलते थे या फोन करते थे।”

उमा ने लिखा, ‘‘मैंने शिवराज (सिंह चौहान) जी से दो साल में हर मुलाकात में शराबबंदी पर बात की है, अब बात बाहर सामने आ गई है तो भाई ने अनबोला (आपस में बातचीत बंद) क्यों कर दिया है और मीडिया के माध्यम से बात क्यों करने लगे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘शिवराज ने परसो कहा है कि लोग शराब पीना बंद कर दें तो मैं प्रदेश में शराब की दुकानें बंद कर दूंगा। जब लोग शराब पिएंगे ही नहीं, दुकानें चलेंगी ही नहीं तो वह तो खुद ही बंद हो जाएंगी।’’

उमा ने कहा कि अवैध शराब की बिक्री रोकना पुलिस एवं प्रशासन की जिम्मेदारी है और यह कानून-व्यवस्था का सवाल है।

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘अभी हमें शुरुआत यहां से करना चाहिए। अहातों में शराब परोसने की व्यवस्था हम तुरंत बंद करें। स्कूल, अस्पताल, मंदिर एवं अन्य निषिद्ध स्थानों के पास शराब की दुकानें भी बंद हों। घर-घर शराब पहुंचाने की घिनौनी व्यवस्था तुरंत रुके।’’

उमा ने कहा कि जहां महिलाएं या नागरिक विरोध करें वहां दुकानें नहीं खोली जाएं क्योंकि इन्हीं लोगों ने तो सरकार बनाई है। उन्होंने कहा कि पहले इतना कर लें, फिर जो वैध एवं उचित स्थान पर शराब की दुकानें हों, वहां फोटो के साथ होर्डिंग लगें कि शराब पीने से क्या-क्या नुकसान होते हैं।

उमा ने कहा कि फिर जागरूकता अभियान चले, जिसमें सभी धर्मों के गुरु, सामाजिक संस्थाएं तथा सभी दलों के नेता शामिल हों।

उमा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘उमा जी (उमा भारती) और मामू जी (शिवराज सिंह चौहान) में शराबबंदी को लेकर बहुत बुनियादी मतभेद जनता के सामने आ गए हैं। भाजपा के केंद्रीय व प्रांतीय नेतृत्व को अपनी निर्धारित नीति उजागर करना चाहिए।’’

भाषा रावत शफीक

शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)