​9 daughters performed the last rites of their father

यहां बेटा नहीं बल्कि ​9 बेटियों ने किया पिता का अंतिम संस्कार, श्मशान का नजारा देख सभी की आंखों में आ गए आंसू

daughters performed the last rites of their father!सागर में एक पिता की मृत्यु के बाद उनकी नौ बेटियों ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया।

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Reported By: Umesh Yadav

Modified Date:  February 27, 2024 / 04:28 PM IST, Published Date : February 27, 2024/4:02 pm IST

Daughters performed the last rites of their father : सागर। भारतीय हिन्दू समाज मे पिता की मृत्यु पर मुखाग्नि पुत्र द्वारा दिये जाने का रिवाज है लेकिन सागर में एक पिता की मृत्यु के बाद उनकी नौ बेटियों ने न सिर्फ अर्थी को कंधा दिया। बल्कि मुखाग्नि सहित सभी अंतिम संस्कार बेटियों ने ही सम्पन्न किया। बेटियों द्वारा पिता की अर्थी को कंधा दिए जाने और मुखाग्नि की परंपरा निभाते देख वहां मौजूद लोगों की आंखे नम हो गई।

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Daughters performed the last rites of their father : दरअसल, सागर के मकरोनिया क्षेत्र में रहने वाले रिटायर्ड पुलिसकर्मी हरिश्चन्द्र अहिरवार का कल ब्रेन हैमरेज के चलते निधन हो गया था। हरिश्चन्द्र की नौ बेटियाँ है बेटा नही है इस लिए उन्होंने अपनी बेटियों की परवरिश बेटों के समान ही कि थी। इन नौ बेटियों में से सात की शादी हरिश्चन्द्र कर चुके थे दो बेटियां अभी अविवाहित है। हरिश्चन्द्र की मृत्यु के बाद सभी बेटियों ने पुत्र का फर्ज निभाते हुए घर से शमसान तक पिता की अर्थी को कंधा दिया और मुखाग्नि की सभी रश्में निभाई,बेटियों द्वारा पिता का अंतिम संस्कार करते हुए इस दृश्य को देख कर सभी की आंखे नम थी।

एक साथ बेटी होने का फर्ज निभाने का फैसला किया

बेटी वंदना ने बताया कि उनके पिता को अपनी बेटियों से काफी लगाव था। हमारा कोई भाई नहीं है, इस कारण उनके साथ सभी छोटी-बड़ी बहनों (अनीता, तारा, जयश्री, कल्पना, रिंकी, गुड़िया, रोशनी और दुर्गा) ने एक साथ बेटी होने का फर्ज निभाने का फैसला किया। पिता ही हमारा संसार थे।

बता दें कि बुंदेलखंड में बेटियों-महिलाओं का शमशान घाट जाना वर्जित रहता है। लेकिन अब लोग समाज के पुरानी परंपराओं और मान्यताओं को तोड़कर आगे आ रहे हैं। इस तरह से बेटियों के हाथों पिता को मुखाग्नि देना दूसरे लोगों के लिए भी प्रेरणा है।

 

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