Hand Pump on Road: किसने बनाया ये मुजस्समा? बीच में हैंड पंप…अगल-बगल चमचमाती सीसी रोड, देखिए इजीनियरिंग का एक और नायाब नमूना
Hand Pump on Road in Madhya Pradesh: किसने बनाया ये मुजस्समा? बीच में हैंड पंप...अगल-बगल चमचमाती सीसी रोड, देखिए इजीनियरिंग का एक और नायाब नमूना
Hand Pump on Road: किसने बनाया ये मुजस्समा? बीच में हैंड पंप...अगल-बगल चमचमाती सीसी रोड / Image: IBC24
- ठेकेदार ने हैंडपंप को सड़क के बीच में छोड़ कर उसके चारों ओर गड्ढा बना दिया
- सड़क पीएम जनमन योजना के तहत 34 लाख से अधिक की लागत से बनी
- नल जल योजना न होने के कारण यह हैंडपंप पानी का एकमात्र स्रोत
शिवपूजन मिश्रा, सीधी: Hand Pump on Road ‘एमपी अजब है, सबसे गजब है’ ये बात अब तक आपने सुना होगा, लेकिन आज हम आपको इसका जीता जागता उदाहरण दिखाने वाले हैं। जी हां मध्यप्रदेश में मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना के ठेकेदार ने ऐसा रोड बना दिया है जिसकी चर्चा अब पूरे प्रदेश में होने लगी है। बता दें कि हाल ही में राजधानी भोपाल में भी 90 डिग्री वाले ओवरब्रिज की पूरे देश में चर्चा हुई थी और अब नायाब इंजीनियरिंग का दूसरा उदाहरण देखने को मिल रहा है। तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
Hand Pump on Road दरअसल मामला डोल कोठार ग्राम पंचायत का है, जहां बैगा बस्ती में 600 मीटर की सड़क पीएम जनमन योजना के तहत बनाई गई है। लेकिन बीच सड़क में हैण्ड पम्प को हटाने के बजाय बढ़ा गड्ढा खोद दिया गया है, जिसके चलते यहां के स्थानीय लोगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर स्थित डोल कोठार ग्राम पंचायत में 35 से 40 घरों की बैगा जनजाति के लोग निवास करते हैं। शासन की ओर से यहां के लिए पीएम जनमन योजना के तहत 600 मीटर सड़क निर्माण के लिए 34.79 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई थी। मध्यप्रदेश ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण परियोजना की ओर से मेसर्स गणेश प्रताप सिंह नंदनवन डैनिहा को रोड निर्माण का ठेका दिया गया।
बताया गया कि ठेकेदार ने 3 जुलाई 2024 को निर्माण कार्य शुरू किया, जो 2 जुलाई 2025 को कार्य पूर्ण कर दिया गया है। सड़क बनने के बाद देखा गया कि ठेकेदार ने तो बीच सड़क पर हैंडपंप छोड़ दिया है और अगल-बगल शानदान चमचमाती सीसी रोड। बताया गया कि यहां अब तक नल जल योजना नहीं पहुंच पाई है और यहां के लोगों के लिए पानी का एक ही सहारा हैंडपंप है। ऐसे में ठेकेदार ने इंजीनियरिंग का नायाब नमूना पेश करते हुए हैंडपंप को किनारे करने बजाए उसके सड़क के चारों ओर गड्ढा कर सड़क को पूरा कर दिया।
वहीं दूसरी ओर अब ग्रामीणों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है, वो लगातार हादसे का शिकार हो रहे हैं। ग्रामीणों की मानें तो जब सड़क बन रही थी तभी ग्रामीणों द्वारा आवाज उठाई गई थी कि हैंडपंप को दूसरी जगह खोद दिया जाए, लेकिन निर्माण एजेंसी व ठेकेदार मांगो को अनसुना कर दिया। अब बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। पानी के लिए पहले गड्ढे में उतरना पड़ता है फिर उसको लेकर ऊपर चढ़ना पड़ता है।

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